सुप्रीम कोर्ट ने एलजी वीके सक्सेना के एमसीडी स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव को लेकर जल्दबाजी में लिए गए फैसले को सवाल उठाते हुए एलजी को चेतावनी भी दी है कि अगर वह एमसीडी ऐक्ट के तहत कार्यकारी अधिकारों का इस्तेमाल करना शुरू करेंगे तो लोकतंत्र को खतरा होगा.

साथ ही, वरिष्ठ न्यायाधीश ने चेतावनी दी कि अगर आप एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए चुनाव करते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे. एमसीडी की स्थायी समिति के छठे सदस्य के चुनाव को चुनौती देते हुए मेयर और आम आदमी पार्टी की नेता शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आज सुप्रीम कोर्ट ने एलजी वीके सक्सेना के कार्यालय से जवाब मांगा है.

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हाल ही में शैली ओबेरॉय ने चुनाव को 5 अक्टूबर को तय किया था, लेकिन एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर चुनाव 27 सितंबर दोपहर एक बजे ही कराए गए, इससे बीजेपी ने निर्विरोध जीत हासिल की थी.

कोर्ट ने पहले इस याचिका पर विचार नहीं करना चाहा, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्णय के बाद नोटिस देना पड़ा.

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एलजी कार्यालय को जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि वह 27 सितंबर को होने वाले स्थायी समिति चुनावों के खिलाफ मेयर शेली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई होने तक चुनाव नहीं करेगा. ऐसा होता है तो इसे कोर्ट गंभीरता से लेगा.

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