नितिन नामदेव, रायपुर। जशपुर जिले के बिरहोर ग्राम के “भाई” के नाम से मशहूर जागेश्वर यादव को 26 जनवरी को 2024 को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने पद्मश्री अवार्ड सम्मान से किया था. बिरहोर में जागेश्वर यादव ने आदिवासियों के उत्थान के कई बड़े काम किए थे. जिसके लिए उन्हें ये सम्मान मिला. जागेश्वर यादव ने लल्लूराम.कॉम से खास बातचीत में कहा कि मैंने सपना में भी नहीं सोचा था कि मुझे पद्मश्री मिलेगा. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के नवनियुक्त अध्यक्ष डाॅ. रोहित यादव पहुंचे स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर…

राजधानी में आयोजित में तीन दिवसीय सशस्त्र सैन्य समारोह पहुंचे पद्मश्री जागेश्वर यादव ने लल्लूराम.कॉम से अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं गरीब हूं. सेवा भाव को लेकर मैं लोगों के बीच कम कर रहा था. प्रभु की इच्छा हुई. हमको ले गए. मैंने सपना भी नहीं देखा था कि मुझे पद्मश्री मिलेगा. कुछ भाइयों के बीच मैं काम किया हूं. उनके दुख-सुख के साथ आगे बढ़ा हूं. लोगों की सेवा करने के लिए मैंने काम किया है, और मुझे पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया.

उन्होंने कहा कि बिरहोर के बीहड़ क्षेत्र में रह रहे लोगों को मैंने जागरूक किया. सेवा का भाव लेकर उनके बीच में गया. विभिन्न योजनाओं को उन तक पहुंचाया. उनके लिए आश्रम, स्कूल की मांग सरकार से की है. नौकरी की मांग की आत्मनिर्भर बनाने के लिए, जमीन-पानी यह सारी सुविधाएं उनको मुहैया करवाई है. सभी विभाग के अधिकारी भी, कलेक्टर सभी वहां पर आए. मेरी बातों पर और उनके गांव जाकर उनके दुख को दूर किया.

बिरहोर, पहाड़ी, कोरवा, पांडवा जनजाति होने के कारण लोगों के साथ जमीन में बैठकर हमारे मुख्यमंत्री भोजन करते हैं. सारी सुख-सुविधाओं को लेकर चिंतित हैं. उनके विकास के लिए शतक प्रयास कर रहे हैं. पुरस्कार अभी मिला है. बहुत अच्छा है. आने वाले हमारे समाज युवा लोगों को गौरवान्वित महसूस हो रहा है कि आप समाज के बीच काम करें रहे हैं. उन्हें भी बहुत अच्छा लगा है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 1992 से मुझे जानते है. मेरे बहुत अच्छे शुभचिंतक हैं. जब तक मंत्री नहीं बने थे, तब तक हम लोगों ने 1992 से हम लोग कार्यक्रम में जाते-जाते थे. बहुत प्रयास कर रहे हैं कि वह समाज को एक मुख्य धारा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए. हमारे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी बहुत प्रयास किया है. उन्होंने भी बहुत काम किए हैं. वर्तमान में मुख्यमंत्री गांव-घर के आदिवासी हैं. बहुत प्रयास कर रहे हैं. समस्त समाज को आगे आकर सभी समाज के लोग मजबूत बने साक्षर बने आगे आए. उनकी भी यही कामना है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुझे रू-ब-रू जानते हैं. जब मैं यह काम किया तो उन्होंने भी कहा कि जागेश्वर बहुत अच्छा काम कर रहा है. बिहोर के कोरबा पहाड़ी क्षेत्र से जब वह मंत्री नहीं बने थे, सांसद थे, उस समय से हमारे गांव में उस कार्यक्रम में आते रहे हैं. प्रोत्साहन देते रहे. जब मुख्यमंत्री बन गए तो हमारे लिए और गर्व हो गया. हमारे घर-गांव के हमारे आदिवासी भाई आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं, तो समाज और राज्य को सुधार करेंगे. उसके लिए भी हम बहुत-बहुत बधाई देते हैं.

जागेश्वर यादव ने कहा कि सारे छत्तीसगढ़ में पांच जनजाति के जल मंत्रालय की जो योजना है, वह मैं घूम-घूम कर उनको समझाता हूं. हर अधिकारी एक-दूसरे को वह जन मंत्र में पूछते हैं सभी बिहोर पहाड़ी क्षेत्र में पौधा लगाकर में प्रेषित करता था. जंगल में आग लगता था. उसको लेकर में समाज में जागरूक करता था. समाज में बातचीत करता था.

उन्होंने कहा कि पहली बार रायपुर आकर देखा तो पहली बार सशस्त्र सेवा का कार्यक्रम टीवी में देखे थे. आज छत्तीसगढ़ में साय सरकार की कृपा से एक बहुत बड़ा कार्यक्रम हुआ. वनांचल से लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं. साक्षर इस कार्यक्रम को देखकर यहां पर खुश है.

पद्मश्री ने कहा कि मेरा आगे भी और अच्छा करने का सपना है कि हमारे समाज के हमारे लोग सब खुशहाली हों, आत्मनिर्भर हो और शासन से जो मिल रहा है, उसका सभी को उपयोग करना है. जंगल को भी बचाना है, तभी हम जीवन जी सकते हैं, तभी हम स्वस्थ हो सकते हैं. यह मेरा प्राण है समाज के लिए.