सुशील सलाम, कांकेर. आदिवासी बहुल कांकेर जिले के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बसे गांव जिवलामारी में कलेक्टर रानू साहू ने लोगों की समस्या सुनीं और मौके पर ही निराकरण का पहल किया. कांकेर विकासखण्ड के पहाड़ी में बसे गांव जिवलामारी में आने जाने के लिए पुलिस अधीक्षक कन्हैयालाल ध्रुव की अगुवाई में 3 किलोमीटर पहाड़ी को काट कर रास्ता बनाया गया है.
कलेक्टर रानू साहू दलबल के साथ पहुँची थी. उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों से बातचीत की, कक्षा 5वीं के बच्चों ने 20 तक का पहाड़ा धाराप्रवाह पढ़कर सुनाया, जिसे सुनकर कलेक्टर गदगद हो गई तथा विद्यालय के शिक्षकों को बधाई दी. विद्यालय के शिक्षक अरविंद कुरेटी ने बताया कि वह प्रतिदिन 3 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आते है. कलेक्टर ने विद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को स्वेटर और बुर्जुंगों और महिलाओं को शाल भेंट किया. ग्रामीणों से बात कर कलेक्टर ने उनकी समस्या सुनीं.
असल में, जीवलामारी गांव में आदिवासियों के 17 परिवार निवासरत हैं, गांव में 6 हैण्डपंप है, जिनमें से 2 हैण्डपंप का पानी पीने योग्य है, 4 हैण्डपंपों का पानी आयरन युक्त होने के कारण लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को भू-जल सर्वे कर आयरनयुक्त पानी का निदान ढूढने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया. गांव वाले अपने निस्तार के लिए तालाब और झरिया का पानी उपयोग में लाने की जानकारी कलेक्टर को दी, जिस पर वे स्वयं 05 किलोमीटर पैदलचलकर वहां तक गईं.
ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर रानू साहू ने मनरेगा के अंतर्गत भूमि समतलीकरण तथा तालाब जाने के रास्ते में पुलिया निर्माण का प्रस्ताव भेजने के लिए ग्राम पंचायत के सचिव को निर्देशित किया. तहसीलदार कांकेर को वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए वन भूमि पर काबिज पात्र परिवारों का सर्वे कर कृषि प्रयोजन हेतु वनअधिकार पट्टा प्रदान करने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए. अपने गांव में पहली बार कलेक्टर के साथ जिले के आला अफसरो को देखकर ग्रामीणों में उम्मीद जगी है.
इस बीच, कलेक्टर रानू साहू के साथ निर्वाचन प्रेक्षक (व्यय) राजेश चन्द्रा, अपर कलेक्टर एम.आर चेलक, संयुक्त कलेक्टर सी.एल मार्कण्डेय, तहसीलदार टी.के साहू, सहायक खनीज अधिकारी सनत साहू, नायब तहसीलदार केशकर भी जिवलामारी गए थे.