विश्व हॉस्पिस और पैलिएटिव केयर दिवस के अवसर पर संजीवनी कैंसर अस्पताल में नर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में संजीवनी सीबीसीसी कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं सीनियर कैंसर सर्जन डॉ यूसुफ मेमन, पेन व पैलिएटिव मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ अविनाश तिवारी, क्रिटिकल केयर एवं पेन विशेषज्ञ डॉ हितेन मिस्त्री एवं डॉ राहुल गोयल, बॉलीवुड अभिनेता भगवान तिवारी, पैलिएटिव मेडिसिन केयर सेवा प्राप्त मरीज और उनके परिजन, हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट्स, एवं नर्सिंग स्टाफ उपस्थित थे.

डॉ अविनाश तिवारी ने बताया कि इस वर्ष की विषयवस्तु “संकल्प के दस वर्ष: अब तक की क्या प्रगति है?” है, जो दर्शाती है कि हम स्वास्थ्य सेवा ढांचे के रूप में पैलिएटिव केयर को जरूरतमंदों तक कैसे पहुंचा रहे हैं. हर साल, विश्व में लगभग 60% लोग गंभीर जीवन-सीमित बीमारियों से मृत्यु को प्राप्त करते हैं. दुर्भाग्यवश, अनुमानित 14% से कम लोग ही पॅलियेटिव केयर तक पहुंच सकते हैं.

2011 में किए गए एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, विश्व के 234 देशों में से केवल 136 (58%) देशों में गंभीर रूप से बीमार लोगों और उनके परिवारों के लिए एक या अधिक हॉस्पिस या पॅलियेटिव केयर सेवाएँ उपलब्ध हैं.

डॉ. यूसुफ मेमन, एससीसीएच के निदेशक, ने बताया कि संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में पेन और पैलिएटिव मेडिसिन विभाग एक अनूठी एवं बेहद महत्वपूर्ण कड़ी है, जहाँ मरीजों की सभी समस्याओं का समाधान उनकी कैंसर यात्रा के दौरान किया जाता है. डॉ. अविनाश तिवारी, जो पेन और पॅलियेटिव मेडिसिन विभाग के लीड कंसल्टेंट हैं, ने कहा, “हम केवल कैंसर के उपचार पर ध्यान नहीं देते, बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देते हैं. हम केवल मरीजों पर नहीं, बल्कि उनके देखभाल करने वालों पर भी ध्यान देते हैं. हम केवल जीवन पर नहीं, बल्कि गरिमा पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं.”

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वे परिवार थे जिन्हें अपने प्रियजनों के लिए पैलिएटिव केयर प्रदान की गई थी, जो स्टेज 4 कैंसर से ग्रसित थे. एक मरीज के बेटे ने कहा, “संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के पैलिएटिव केयर ने मुझे एक नया दृष्टिकोण दिया. मेरे पिता जीवन के बारे में चिंता नहीं कर रहे थे, न ही मृत्यु के बारे में. उनकी चिंता इस बारे में थी कि वे अपनी शेष जीवन को कैसे जीना चाहते हैं. उन्होंने मुझे यह विश्वास दिलाया कि मेरे पिता बिना दर्द के, घर पर, गरिमा के साथ रह सकते हैं.”

इस अवसर पर नर्सों के लिए थीम पर एक चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जो संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन के फाउंडर डॉ शबाना मेमन एवं डॉ योशिता मूलचंदानी व डॉ विनीता देवांगन के नेतृत्व में सफल रहा. डॉ. अविनाश तिवारी ने भी यह जोड़ा कि नर्सें पैलिएटिव मेडिसिन टीम की रीढ़ को तरह बहुत अहम हिस्सा हैं और उनकी प्रशिक्षण गुणवत्ता सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.