(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

कांग्रेस का बंद लिफाफा खुलने का इंतजार

Power Gossip: मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी जल्द आने की संभावना है। बच्चियों के बढ़ते अपराध को लेकर किये गए उपवास कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल पहुंचे थे। प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने भोपाल पहुंचते ही एक बंद लिफाफा जीतू पटवारी को सौंप दिया और कहा ये आपकी अमानत। अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हुई है। एआईसीसी कब कार्यकारिणी जारी करेंगे। खबर है की 80 से 100 होते हुए 120 की कार्यकारिणी हो गई है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कुछ नाम अपने समर्थकों के सीधे दिल्ली से जुड़वाए हैं।

मीटिंग से परेशान हुए साहब

मध्यप्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल गया और वह अपने काम में भी जुट गए हैं। लगातार अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं और एक-एक डिपार्टमेंट की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, लेकिन लंबे समय से मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी मीटिंग से परेशान है। साहब लगातार मीटिंग और सवाल जवाब से परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं। खबरों ये भी है जल्द बड़ी प्रशासनिक सर्जरी भी होने वाली है।

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मंत्री के बंगले पर रसोइए तक नहीं टिकते, नाम रखा पगलट

एमपी के एक मंत्री… मंत्री नहीं बल्कि वरिष्ठ मंत्री… बड़े बंगले में रहने वाले रौबदार मंत्री… ऐसे मंत्री जिनके नाम के आगे बाकी सब फीका लेकिन, बड़े शांत मिजाज और शालीन मंत्री जी से स्टॉफ बेहद परेशान हैं। अकसर लोग मंत्रियों से स्टाफ में शामिल होना चाहते हैं। यहां मामला उल्टा है। मंत्री जी के स्टाफ में ऐसा कोई नहीं जो भागने की फिराक में न हो। हालात ऐसी कि ड्राइवर से लेकर रसाईया तक नहीं टिक रहे। मंत्री का नाम भी रख दिया है। नाम रखा पगलट। वैसे प्रदेश में आकर मंत्री जी सहज नहीं है। व्यवहार में भी खासा परिवर्तन आया। खैर, स्टॉफ की हालात ऐसी है मंत्री के भोपाल दौरे की खबर सुनते ही नींद उड़ जाती है।

लो अब मंत्रालय में टोटका, फिर आया पंडा

इन दिनों मंत्रालय के बड़े-बड़े अफसर खासा परेशान हैं। मामला टोटके से जुड़ा हुआ है। दरअसल, बीते दिनों एक अफसर के कक्ष के बाहर नींबू मिर्ची के साथ कुछ ऐसी सामग्री मिली कि कई तरह की चर्चाएं हो रही है। कक्ष के बाहर मिली सामग्री की सफाई कर्मचारियों ने भले ही फेंका लेकिन इसकी फोटो साहब तक पहुंचा दी गई। अब साहब को फोन पर जानकारी भी दी गई। साहब पंडा लेकर दफ्तर पहुंचे। स्टाफ ने भी पूजन-पाठ किया। मामले को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।

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फिर मंत्री ने उड़ाए कलेक्टर साहब के होश

बीते दिनों एक मंत्री जी बीएचईएल अधिकारियों से साथ निरीक्षण करने पहुंचे थे। अधिकारी जमीन और अन्य मामलों को लेकर लगातार एक ही रट लगा रहे थे। हमारे सब निर्णय केंद्र से होते हैं, दिल्ली से होते हैं, केंद्रीय मंत्रालय से बात करनी होगी। मौके पर कलेक्टर साहब भी मौजूद थे। मंत्री ने एक दो बार तो नियम कलेक्टर साहब से ही पूछे। फिर दो टूक शब्दों में भेल के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि सुनिए…पूरा भेल प्रदेश सरकार की जमीन पर है। आज तक एक इंच का भूमि आवंटन नहीं हुआ। कलेक्टर चाहे तो एक मिनट में सब खाली करा सकते हैं। कलेक्टर साहब की ओर देख कहा क्यों ऐसा है कि नहीं। बात सुन कलेक्टर साहब के होश ही उड़ गए। खरबों की जमीन पर कब्जा।

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