उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. तैयारियां अपने अंतिम चरण में है. इसी बीच एक मूर्ति पर विवाद शुरु हो गया है. दरअसल, महाकुंभ के द्वार पर महादानी राजा हर्ष वर्धन की प्रतिमा लगी हुई थी, जिसे अब द्वार से और दूर कर दी गई है. जिसको लेकर प्रयागराज वासियों में नाराजगी है.
महाकुम्भ के तहत चल रहे चौड़ीकरण में अब राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा आ गई है. महाकुम्भ क्षेत्र के सबसे प्रमुख प्रवेशद्वार तिकोनिया चौराहे पर लगाई गई प्रतिमा को अब यहां से हटाकर सीएमपी कॉलेज के सामने लगा दिया गया है. अलोपीबाग फ्लाईओवर के विस्तार के कारण प्रतिमा को हटाना पड़ा. सेना से पीछे जमीन मांगी गई. जब जमीन नहीं मिली तो प्रतिमा को हटा दिया गया.
महाकुम्भ का प्रवेशद्वार तिकोनिया चौराहा माना जाता है. मान्यता है कि राजा हर्षवर्धन प्रयागराज के महाकुम्भ में आकर सबकुछ दान किया करते थे. उनके सम्मान में इस प्रतिमा को यहां पर कई साल पहले लगाया गया.
वर्ष 2019 के कुम्भ मेले के दौरान जब चौड़ीकरण हुआ तो राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा के घेरे को कम कर चौराहे को छोटा किया गया. अब जब नैनी ब्रिज की ओर अलोपीबाग फ्लाईओवर का विस्तार किया जा रहा है, तो राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को हटा दिया गया.
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