अमृतसर. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार पर्यावरण की सुरक्षा और राज्य के वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। इस लक्ष्य के तहत 2030 तक राज्य में मौजूदा पेड़ और वन क्षेत्र को बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार ने जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के साथ संपर्क कर एक प्रमुख परियोजना को पंजाब में लाने का प्रयास किया है।

इस उद्देश्य के लिए वन और वन्यजीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने वन विभाग के अधिकारियों और जापानी अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की। राज्य में पेड़ों के तहत क्षेत्र बढ़ाना और कृषि वनों के माध्यम से जैव विविधता का संरक्षण और विस्तार एक बड़ी चुनौती है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए वन विभाग ने जापानी एजेंसी के साथ संपर्क किया है। इस एजेंसी की मदद से राज्य में कृषि वानिकी और जैव विविधता से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने का प्रस्ताव है, जिसकी कुल लागत 792.88 करोड़ रुपये होगी।

परियोजना के कुछ मुख्य उद्देश्य राज्य में एग्रोफॉरेस्ट्री के माध्यम से पेड़ों के क्षेत्र को बढ़ाना, भूमिगत जल का संरक्षण, किसानों की आय में वृद्धि और पराली के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना शामिल हैं। इसके अलावा शिवालिक क्षेत्र में समेकित जल संरक्षण प्रबंधन भी शामिल है। इस उद्देश्य के लिए पर्यावरण और वन संरक्षण के साथ-साथ लोगों के लिए आय के स्रोत उत्पन्न करने के लिए कृषि और पशुपालन का विकास किया जाएगा।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ईकोटूरिज्म को प्रोत्साहित करना और जैव विविधता को बनाए रखते हुए राज्य की झीलों में सुधार करना भी परियोजना के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। राज्य सरकार, पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार, जापानी एजेंसी और पंजाब का वन विभाग मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर अंतिम रूप देंगे। यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से पांच साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी।