नई दिल्ली। राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका में उठाए गए सवाल का जबाव अब तलाशना शुरू हो गया है. दिल्ली उच्च न्यायालय को बुधवार को सूचित किया गया कि सीबीआई ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर जांच शुरू कर दी है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष वर्चुअल उपस्थिति के दौरान कर्नाटक के भाजपा सदस्य विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद में दायर जनहित याचिका के संबंध में जानकारी दी.
पीठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा प्रस्तुत एक संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने गांधी के खिलाफ अपनी पिछली शिकायत पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया था. स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी ने भारतीय नागरिक होते हुए भी ब्रिटिश नागरिकता धारण करके भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का उल्लंघन किया है.
सुनवाई के दौरान शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने मामले से संबंधित गोपनीय साक्ष्य सीबीआई को उपलब्ध कराए थे, जिसमें कहा गया था कि इलाहाबाद में उनकी जनहित याचिका एक अग्रिम चरण में थी, जिसके कारण समान मुद्दों पर “कार्यवाहियों की बहुलता” हो गई.
उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी जनहित याचिका में प्रगति को दर्शाने वाले प्रासंगिक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए उच्च न्यायालय से समय देने का अनुरोध किया. पीठ ने बदले में शिशिर को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने और पक्षकार बनने के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया.