Jet Airways Assets Auctioned: सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया है. यानी अब जेट एयरवेज के शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. इसकी संपत्तियां कर्जदाताओं को दे दी जाएंगी. गुरुवार 7 नवंबर को कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले को पलट दिया.

हाल ही में एनसीएलएटी ने अपने आदेश में नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज का स्वामित्व समाधान योजना के तहत पूरा भुगतान किए बिना जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को हस्तांतरित करने की अनुमति दी थी.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. एनसीएलएटी के आदेश को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में कर्जदाताओं ने चुनौती दी थी.

पांच साल तक समाधान योजना लागू न होने के कारण यह फैसला पलट दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया. यह आदेश “अजीबोगरीब और चिंताजनक” स्थिति को देखते हुए दिया गया. कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि समाधान योजना 5 साल तक लागू नहीं की गई.

Jet Airways Assets Auctioned: कंसोर्टियम द्वारा भुगतान किए गए 200 करोड़ रुपये जब्त करने का आदेश

कोर्ट ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच को तुरंत एक परिसमापक नियुक्त करने का निर्देश दिया. जालान-कलरॉक कंसोर्टियम द्वारा भुगतान की गई 200 करोड़ रुपये की राशि जब्त कर ली गई है.

17 अप्रैल 2019 को एयरलाइन का परिचालन बंद कर दिया गया था

बढ़ती वित्तीय परेशानियों के बीच 17 अप्रैल 2019 को जेट एयरवेज को बंद कर दिया गया था. इस एयरलाइन को सबसे बड़ा लोन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिया था, इसलिए बैंक ने एनसीएलटी मुंबई के समक्ष कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की.

बाद में जेट को समाधान प्रक्रिया में शामिल किया गया. जून 2021 में, जालान-कलरॉक कंसोर्टियम ने एनसीएलटी की दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के तहत जेट एयरवेज के लिए बोली जीती थी. तब से, स्वामित्व के हस्तांतरण को लेकर जेकेसी और ऋणदाताओं के बीच विवाद चल रहा है.

जेकेसी ने दावा किया था कि ऋणदाता एयरलाइन के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू नहीं कर रहे हैं. साथ ही, ऋणदाताओं ने तर्क दिया कि जेकेसी ने अभी तक कोई धन नहीं लगाया है.