नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को आज चार साल पूरे हो गए हैं. सरकार द्वारा किए गए दावे और वादे हवाई साबित हुए है. रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इस अभियान के बजट में से 56 प्रतिशत फंड का इस्तेमाल केवल पब्लिसिटी यानि की विज्ञापन के लिए किया गया है. वहीं 25 प्रतिशत से भी कम की धनराशि जिलों और राज्यों को दी गई. हैरानी की बात है कि सरकार द्वारा 19 प्रतिशत से अधिक धनराशि जारी ही नहीं की गई.

बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को दो संबंधित उद्देश्यों के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की इसका उद्देश्य था भारत में घटते बाल लिंग अनुपात पर ध्यान केंद्रित करना और लड़कियों के बारे में लोगों की मानसिकता बदलना. सरकार द्वारा तैयार इस अभियान में तीन मंत्रालयों- महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और मानव संसाधन विकास के माध्यम से बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई होनी थी. इसके तहत साल 2014-15 से 2018-19 तक सरकार अब तक कुल 648 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है. इनमें से केवल 159 करोड़ रुपये ही जिलों और राज्यों को भेजे गए हैं. कुल आवंटन का 56 फीसदी से अधिक पैसा यानी कि 364.66 करोड़ रुपये ‘मीडिया संबंधी गतिविधियों’ पर खर्च किया गया. वहीं 25 फीसदी से कम धनराशि जिलों और राज्यों को बांटी गई. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 19 फीसदी से अधिक धनराशि जारी ही नहीं की गई.

25 प्रतिशत से भी कम की धनराशि जिलों और राज्यों को दी गई. हैरानी की बात है कि सरकार द्वारा 19 प्रतिशत से अधिक धनराशि जारी ही नहीं की गई. ये आंकड़ें 4 जनवरी को लोकसभा में केंद्रीय महिला और बाल विकास राज्य मंत्री डॉ विरेंद्र कुमार ने जारी किए थे. ये संसद के पांच सदस्यों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में थे. भाजपा के कपिल पाटिल और शिवकुमार उदासी, कांग्रेस के सुष्मिता देव, तेलंगाना राष्ट्र समिति के गुटखा सुकेंदर रेड्डी और शिवसेना के संजय जाधव ने ये सवाल किए थे.

साल 2018-19 के लिए सरकार ने 280 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसमें से 155.71 करोड़ रुपये केवल मीडिया संबंधी गतिविधियों पर खर्च कर दिए। इनमें से 70.63 करोड़ रुपये ही राज्यों और जिलों को जारी किए गए जबकि सरकार ने 19 फीसदी से अधिक की धनराशि यानी 53.66 करोड़ रुपये जारी ही नहीं किए. इसी तरह, साल 2017-18 में सरकार ने 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसमें से 68 फीसदी धनराशि यानी 135.71 करोड़ रुपये मीडिया संबंधी गतिविधियों पर खर्च की गई थी. वहीं साल 2016-17 में सरकार ने 29.79 करोड़ रुपये मीडिया संबंधी गतिविधियों पर खर्च कर दिए जबकि केवल 2.9 करोड़ रुपये ही राज्यों एवं जिलों को बांटे गए.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का ज्यादातर पैसा विज्ञापन पर खर्च होने संबन्धी खबर को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार में सिर्फ ‘मोदी बचाओ, विज्ञापन चलाओ’ के फार्मूले पर काम हो रहा है. गांधी ने एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”मोदी बचाओ, विज्ञापन चलाओ”.