कुमार इंदर, जबलपुर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि दो विश्व युद्ध हुए, इतना संहार हुआ फिर भी तीसरे विश्व युद्ध की संभावना बनी हुई है। भारत विश्व गुरु हो ऐसा सब चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते अड़ंगे डाल रहे हैं। भारत रास्ता दिखाएगा कहूं तो सही, अगर बोलू कि हिंदुत्व रास्ता दिखाता है तो विवाद है।

रविवार को मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की संघ की दिवंगत महिला पदाधिकारी डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में एक व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोहन भागवत ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी को तृतीय विश्व युद्ध का खतरा मंडराता महसूस हो रहा है। इस बात की अटकलें लग रही हैं क्या यह यूक्रेन या गाजा में शुरू हो सकता है।

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RSS प्रमुख भागवत ने विश्व कल्याण के लिए हिंदुत्व की आवश्यकता विषय पर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि आज विश्व कल्याण की आवश्यकता है, उस आवश्यकता को पूरा करने वाला केवल हिंदुत्व है। विश्व कल्याण हिंदुत्व के मूल में निहित है। विश्व कल्याण में हिंदुत्व का विशेष महत्व है। अभी विश्व के पास सब कुछ है, साधन बहुत है और ज्ञान असीमित, लेकिन रास्ता नहीं मिल रहा है। उनकी अपेक्षा भारत से है।

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सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने सारी दुनिया को भौतिक सुख-संपदा और आत्मिक शांति दी है। पाश्चात्य संस्कृति में जो भी विकास हुआ वो अधूरा था। धर्म और राजनीति की अवधारणा को व्यवसाय बना दिया गया। वैज्ञानिक युग आने के बाद भी शास्त्रों का व्यापार बनकर रह गया, यही वजह रही की दो विश्व युद्ध हुए। विश्व दो विचारधारा में बंट गया, एक आस्तिक और एक नास्तिक… आज इसीलिए पूरा विश्व आत्मिक शांति के लिए भारत की ओर आशापूर्ण निगाहों से देख रहा है। मानव धर्म ही सनातन धर्म और सनातन धर्म ही हिंदू धर्म है।

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