शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को बाल विवाह ना होने का शपथ पत्र देना होगा। वहीं बाल विवाह कराने या सहयोग देने वालों को दो साल की जेल हो सकती है।

देवउठनी एकादशी पर सामूहिक विवाह आयोजनों पर नजर रहेगी। प्रशासन की ओर से 10 टीमें तैनात की जाएगी। प्रशासन ने प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, कैटर्स, धर्मगुरु समाज के मुखिया, बैंड, घोड़ी वाले ट्रांसपोर्ट सेवाओं के संचालकों को निर्देशित किया है। सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को बाल विवाह ना होने का शपथ पत्र देना होगा।

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कलेक्टर ने कार्रवाई के दिए निर्देश

कलेक्टर कार्यालय और महिला एवं बाल विकास जिला कार्यालय में शपथ पत्र जमा करना होगा। सभी विवाह में वर वधू का आयु का प्रमाण पत्र देखने के बाद ही सेवांए दें। बाल विवाह कराने या सहयोग देने वाले को दो साल की जेल की सजा हो सकती है। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए है।

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यहां करें शिकायत

बाल विवाह की सूचना चाइल्ड लाइन के दूरभाष नंबर 1098 पर दे सकते हैं। इसके अलावा एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दे सकते हैं। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।

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