लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए कटिबद्ध है. यही वजह है कि योगी सरकार द्वारा जनजातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और इनके चौमुखी विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित किया जा रहा है. योगी सरकार इनको बुनियादी सुविधाएं जैसे- आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ लगातार कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है. योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार जनजातीय आबादी के लिए समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे के सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में ठोस प्रगति का खाका खींचा है.

धरती आबा जनजातीय गाम उत्कर्ष अभियान

अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए संचालित “धरती आबा जनजातीय गाम उत्कर्ष अभियान” के तहत योगी सरकार सभी जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है. इसके लिए प्रदेश के में 500 या उससे अधिक जनसंख्या के गांव, जिसमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या हो, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 26 जनपदों अंबेडकर नगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर और सोनभद्र के 47 ब्लाक व 517 गांवों को इस अभियान के तहत विभिन्न योजना के लाभ के लिए चिन्हित किया गया है.

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बुनियादी सेवाओं का विस्तार करेगी योगी सरकार

योगी सरकार चिन्हित गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार करेगी. सभी जनजातीय परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया जाएगा. उनके गांवों में अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMU) की स्थापना की जाएगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके. इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे. जिससे जनजातीय परिवारों को उनकी अपनी कला, संस्कृति, चित्रकारी, वनोपज संग्रहण, शहद, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, महुआ से तैयार उत्पादों, जड़ी-बूटी से प्राकृतिक उपचार ज्ञान कौशल की बेहतर मार्केटिंग हो सकें और जनजातियों की उन्हीं के गांव में ही आमदनी बढ़ाई जा सके. इससे जनजातियां पलायन भी नहीं करेंगी.

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जनजाति विकास विभाग के साथ अन्य विभाग मिलकर करेंगे काम

समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के क्रियान्वयन के लिए जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभागों जिसमें ग्राम्य विकास, जलापूर्ति, विद्युत, ऊर्जा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, आयुष, दूरसंचार, व्यवसायिक एवं कौशल शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, मत्स्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायती राज विभाग तथा पर्यटन विभाग मिलकर कार्य कर रहें है.

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बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना

उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत जनजाति विकास विभाग द्वारा बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना कराई जाएगी. इन सेंटरों पर जनजाति उत्पादों के संकलन, प्रसंस्करण, विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों/छात्रावासों तथा अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों के उच्चीकरण तथ्य अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

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ठोस कार्य की योजना की तैयार

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केंद्र सरकार के समग्र विकास के प्रयासों का हिस्सा है. जिसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदायों को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है. इसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य की योजना तैयार की गई है. इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा. इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा. जो समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा.