यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का नारा बंटेंगे तो कटेंगे, लेकिन महाराष्ट्र में महायुति ही फैलती दिख रही है. अजित पवार ने इस नारे पर सवाल उठाया था और कहा था कि यह यूपी-बिहार नहीं है और इस तरह की राजनीति यहां नहीं चल सकती. इस पर उनके ही सहयोगी देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया है. फडणवीस ने कहा कि यह नारा बिल्कुल गलत नहीं है क्योंकि भारत का इतिहास ही रहा है कि हम बंटे हुए हैं और दूसरे लोगों ने हमें गुलाम बना लिया है. उन्होंने अजित पवार के बारे में पूछे जाने पर साफ कहा कि वह एक अलग विचारधारा से आए हैं और शायद उन पर उनके पुराने साथियों का प्रभाव रहा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री चुने गए अशोक चव्हाण के लिए भी उन्होंने कहा कि समय लगेगा और हम उन्हें समझा देंगे. महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अब इसी नारे के आसपास घूम रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी एक रैली में सही, लेकिन इसी बात को आगे बढ़ाया, जिससे बहस तेज हो गई और इस पर राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए.
लेकिन उस समय महायुति में बहस तेज हो गई, जब अजित पवार और अशोक चव्हाण ने प्रश्न उठाए, और पंकजा मुंडे ने भी इस नारे को लेकर कहा कि वह इससे सहमत नहीं है और उनकी राजनीति अलग है. पंकजा मुंडे वैचारिक तौर पर भाजपा में लंबे समय से शामिल है और उनके पिता गोपीनाथ मुंडे पार्टी के प्रमुख नेता थे. देवेंद्र फडणवीस ने अपनी टिप्पणी में अजित पवार और चव्हाण का खुलकर नाम लिया, लेकिन पंकजा मुंडे का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि शायद वे लोग अभी भी अपने पुराने साथियों से प्रभावित हैं और इसके चलते बीच-बीच में उनकी विचारधारा हावी हो जाती है.
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