हेमंत शर्मा, इंदौर। उज्जैन साइबर क्राइम पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा करते हुए डायमंड रिसर्च कंपनी के नाम से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े 22 आरोपियों को पकड़ा है। इन आरोपियों को इंदौर साइबर क्राइम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पकड़े गए आरोपियों में 4 युवक और 18 युवतियां शामिल हैं। ये सभी फर्जी कॉल सेंटर चलाकर लोगों से ठगी करते थे।
पुलिस को शक है कि आरोपियों ने अब तक करोड़ों रुपए की ठगी की है। सभी आरोपियों को जेएमएफसी शालिनी भंडारी की कोर्ट नंबर 41 में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। शनिवार को इन सभी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों के परिजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जिससे न्यायालय परिसर में भीड़भाड़ हो गई। पुलिस ने मौके से बरामद कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों को जब्त कर लिया है। अब इन उपकरणों के तकनीकी डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि ठगी के तरीके और अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाया जा सके।
फर्जी कॉल सेंटर के असली संचालक अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश तेज कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह कॉल सेंटर डायमंड रिसर्च कंपनी के नाम से चलाया जा रहा था। ठगी के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए जांच जारी है। यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दिखाता है। पुलिस की कार्रवाई से उम्मीद है कि ठगी के इस नेटवर्क का जल्द ही पर्दाफाश होगा।
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