कमलेश शर्मा, कोरिया (बैकुंठपुर)। गुरु घासीदास नेशनल पार्क एरिया में वन्य जीवों की मौत का सिलसिला जारी है. बाघ की मौत का मामला अब तक सुलझा नहीं है कि तेंदुए की मौत का नया मामला सामने आ गया. इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली और उसकी तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह भी पढ़ें : वन रक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी! नियमों को दरकिनार कर अभ्यर्थियों का रात में लिया फिजिकल टेस्ट…
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर के संचालक ने तेंदुए की मौत पर विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 15 नवंबर को क्षेत्रीय कर्मचारियों की गश्ती के दौरान बीट टामापहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी अंतर्गत एक तेंदुआ की मौत की सूचना मिली. घटना की पुष्टि के बाद क्षेत्रीय कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को देर रात सूचना दी गई.
सूचना पर 16 नवंबर को वन संरक्षक वन्यप्राणी सरगुजा वन वृत्त, अम्बिकापुर, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान संचालक, पशु चिकित्सकों की टीम, गोमर्डा अभ्यारण्य का डॉग स्क्वायड और क्षेत्रीय कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे. घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में पतासाजी के बाद विभागीय अधिकारी – कर्मचारी और ग्रामीणों की मौजूदगी में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक दल ने शव विच्छेदन किया.
परीक्षण के दौरान मृत तेंदुए की खाल, नाखून, दांत एवं सभी अंग सुरक्षित पाए गए. मृत तेंदुए के आवश्यक अंग अवशेषों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए सुरक्षित रखने के बाद नियमानुसार शव का दाह संस्कार किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत के संभावित कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी.
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