राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। किसानों को धान या मोटा अनाज बेचने में कोई तकलीफ न हो, इसके लिए सरकार ने पूरी तरह से प्रबंध कर लिया है। इस बार अन्नदाताओं की सुविधा के लिए ज्यादा उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धान के लिए 1412 और मोटा अनाज के लिए 104 केन्द्र बनाए गए हैं। ज्वार-बाजरा का उपार्जन 22 नवंबर और धान का 2 दिसंबर से शुरू होगा।
धान उपार्जन के लिए कहां पर कितने केंद्र?
बालाघाट में 185, सतना में 144, जबलपुर में 125, रीवा में 123, सिवनी में 99, कटनी में 84, मंडला में 67, नर्मदापुरम में 65, सिंगरौली में 58, शहडोल में 55, पन्ना में 47, नरसिंहपुर में 45, सीधी में 43, उमरिया में 42, अनूपपुर में 34 केंद्र बनाए गए हैं।
वहीं, दमोह में 33, डिण्डोरी में 31, रायसेन में 25, सागर में 24, सीहोर में 17, बैतूल में 17, छिंदवाड़ा में 9, शिवपुरी में 8, भिण्ड में 7, दतिया में 7, ग्वालियर में 6, हरदा में 3 केंद्र स्थापित किए गए हैं। विदिशा में 2, मुरैना में 2 और अलीराजपुर, झाबुआ, गुना, भोपाल एवं अशोकनगर में एक-एक धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।
इसी तरह ज्वार-बाजरा के उपार्जन के लिए भी केंद्र बनाए गए हैं। रीवा में 2, सिंगरौली में 3, भिण्ड में 20, दतिया में 4, ग्वालियर में 12, मुरैना में 51 और नर्मदापुरम, शहडोल, पन्ना, नरसिंहपुर, सीधी, सागर, बैतूल, शिवपुरी, विदिशा, बड़वानी, बुरहानपुर और श्योपुर में एक-एक उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।
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