हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर लोगों को ठगने का काम कर रही थी। इस गैंग ने एक 71 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक से 40.70 लाख रुपये की ठगी की। रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक ने क्राइम ब्रांच को शिकायत दी कि उनके पास व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज दिखाकर कहा कि उनके खिलाफ केस दर्ज है और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 40.70 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए।
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शिकायत मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की और तकनीकी सबूतों के आधार पर गुजरात के दो आरोपियों, हिम्मत भाई वालजी भाई देवानी (58) और अतुल गिरी गोस्वामी (46) को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी ठगी के लिए फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करते थे।
लोगों को ऐसे अपने जाल में फंसाता है गैंग
यह गिरोह लोगों को कॉल कर खुद को पुलिस, सीबीआई अधिकारी या सुप्रीम कोर्ट का प्रतिनिधि बताता था। वे फर्जी दस्तावेज दिखाकर लोगों को डरा-धमका कर उनसे बड़ी रकम वसूलते थे। गैंग के सदस्य रोजाना सैकड़ों लोगों को कॉल करके ठगी का प्रयास करते थे। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लिया है।
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क्राइम ब्रांच की टीम गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटा रही है, साथ ही 23 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इंदौर पुलिस ने इस तरह की ऑनलाइन ठगी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचित करने की अपील की है।
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