गाजियाबाद. फर्जी रिटायर्ड IPS अफसर बन एक बुजुर्ग ने पुलिसिया सिस्टम के साथ खेल कर दिया. बुजुर्ग ने खुद को मणिपुर कैडर के 1979 बैच का IPS अफसर बताकर एक मामले में पुलिस पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए 2 पुलिसकर्मियों को संस्पेंड करा दिया. इतना ही नहीं पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र से मुलाकात भी की. हालांकि, जब डिटेल खंगाली गई तो उसकी पोल खुल गई. इंदरापुरम पुलिस ने आरोपी और उसके दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसका दोस्त अब भी फरार चल रहा है.
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बता दें कि अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक धोखाधड़ी के केस के आरोपी विनोद कपूर की पैरवी करते हुए जांच अधिकारी प्रमोद हुड्डा पर विवेचना में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया. अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम पुलिस पर विनोद कपूर को हरियाणा से अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ केस दर्ज कराकर आजीवन कारावास की सजा कराने की धमकी दी.
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इतना ही नहीं अनिल कटियाल अपने दोस्त विनोद कपूर के साथ पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र से मिलने जा पहुंचा. उच्च पदों पर कार्यरत रहने का हवाला देने पर पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने अनिल कटियाल को प्रोटोकॉल दिया. करीब एक घंटे की मुलाकात के दौरान अनिल कटियाल ने ऐसा धोखा दिया कि सीपी को फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी.
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वहीं आरोपी की पोल तब खुली जब उसने पुलिस आयुक्त के साथ फोटो खिंचवाने की बात कही. जिसके बाद पुलिस आयुक्त को शक हुआ. उसके बाद वह वहां से चला गया. अनिल कटियाल के जाने के बाद पुलिस आयुक्त ने उसकी कुंडली खंगाली तो पता चला कि मणिपुर कैडर में इस नाम का कोई आईपीएस अधिकारी तैनात नहीं था.
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