अमृतसर. पूर्व विधायक और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया आज बलवंत सिंह राजोआणा के भाई की अंतिम अरदास में भाग लेने के लिए लुधियाणा के पिंड राजोआणा क्लां पहुंचे.

मजीठिया ने कहा कि अगर उस समय बलवंत सिंह ने आवाज नहीं उठाई होती, जब झूठे मुकाबले चल रहे थे, तो शायद आज माहौल कुछ और होता. उन्होंने बताया कि उन्होंने भाई राजोआणा से ‘बंदी सिंह’ का सही अर्थ समझा है और उनके ऊपर हुए अत्याचार के बावजूद उन्होंने कौम की सेवा की. उन्होंने कहा कि आज बलवंत सिंह के परिवार को सरकारी नोकरी नहीं मिलती, लेकिन उनका कर्तव्य है कि वे नजरबंद सिखों के परिवारों के साथ खड़े रहें.


मजीठिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से यह पूछा है कि किसी को 30 साल तक जेल में नहीं रखा जा सकता. सिख पंथ बलवंत सिंह के साथ है ताकि वे देश और कौम की सेवा कर सकें. इस मौके पर उन्होंने वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर निशाना भी साधा.


सिख धर्म के प्रमुख ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि अगर बलवंत सिंह ने कौम की इतनी सेवा नहीं की होती, तो शायद आज इतनी मशहूर हस्तियां नहीं पहुंचतीं. उन्होंने कहा कि बलवंत सिंह को किसी प्रकार की सजा का डर नहीं है, और यह भी बताया कि ग़ुरमीत राम रहीम को हर रोज पैरोल मिलती है, जबकि बलवंत सिंह को केवल 3 घंटे की पैरोल मिली. 1984 में कांग्रेस सरकार ने गुरु दवारा साहिबों और श्री अकाल तख्त साहिब पर हमला किया था और निर्दोष सिखों पर गोलियां चलाई थीं. बलवंत सिंह राजोआणा 30 वर्षों से जेल में हैं और उनकी अपील 12 वर्षों से लंबित है.