(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

रावत की शिकायत की पोटली तैयार किस-किस के नाम ?

उपचुनाव के परिणाम सत्ताधारी दल भाजपा के लिए निराशाजनक रहे, एक सीट पर उसे हार मिली तो वहीं दूसरी सीट पर जीत का आंकड़ा पिछली बार की तुलना में सिर्फ 10 फीसदी रह गया। परिणाम को लेकर पार्टी के अंदर मंथन होगा कि आखिर ये परिणाम आए क्यों ? रामनिवास रावत ने हार के बाद साफ कर दिया है उनकी इस हार के पीछे पार्टी के नेता जिम्मेदार हैं। वो जल्द भीतरघातियों के नाम का खुलासा करेंगे। वहीं विरोधी पता लगाने में जुट गए हैं कि रावत की शिकायत की पोटली में कहीं उनका नाम तो नहीं…

प्रदेश अध्यक्ष को मिली नई ऊर्जा

मध्य प्रदेश में आए उपचुनाव के परिणाम से प्रमुख विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को नई ऊर्जा मिली है। ये ऊर्जा ऐसे समय मिली जब तमाम दिग्गजों ने बैठकों से दूरी बनाकर अलग-थलग करने का प्रयास किया था। परिणाम आए तो अध्यक्ष और अध्यक्ष की टीम में एक अलग ही जोश देखने को मिला। समर्थक कहते हुए नजर आए तक प्रदेश अध्यक्ष को नई ऊर्जा मिली है।

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कार्यकारिणी की लड़ाई दूर तक जाएगी

जीतू पटवारी की नई टीम की दो दिन तक बैठक चली। बैठक से कांग्रेस के बड़े नेता नदारद रहे जिसको लेकर सवाल उठाते रहे, लेकिन सवाल सबसे बड़ा ये है कि बैठक में नहीं आने की स्क्रिप्ट लिखी कब गई। बताया जाता है आधी स्क्रिप्ट कांग्रेस के नेता के जन्मदिन पर लिखी गई। वहीं पर ही पटवारी के विरोधियों ने तय किया बैठक में नहीं जाएंगे। कुछ नेता जो पटवारी से नाराज चल रहे थे, लेकिन पार्टी के अनुशासन के चलते वो बैठक में शामिल होने भोपाल पहुंचे थे.। उन्हें आखिरी समय पर पता चला बैठक में नहीं जाने का कुछ नेताओं ने प्लान तैयार की है। जिसके बाद वो भी नाराज नेताओं की नाव में सवार हो गए और भोपाल में होने के बावजूद बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे। ये लड़ाई प्रदेश कार्यकारिणी के नाम को लेकर है जो अभी दूर तक जाएगी।

पहले शिकायत, अब मुख्य सचिव के लिए दुआ

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने कई अधिकारियों के कामकाज को लेकर सवाल उठाए। जिसकी शिकायत उनकी तरफ से इलेक्शन कमीशन को भी की गई। कई अधिकारी शिकायत के बाद हटाये भी गए। 23 नवंबर को आए परिणामों के बाद कांग्रेस के एक नेता को एक जिम्मेदार अधिकारी का फोन आता है वो कहते हैं आपने मुझ पर गंभीर आरोप लगाए लेकिन आज परिणाम आप देख लीजिए। जिस पर नेताजी कहते हैं आपके ऊपर जो भी आरोप लगाया वो मैं वापस लेता हूं। इश्वर से प्रार्थना करता हूं आप आने वाले समय के मुख्य सचिव बने।

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हर जगह फेरी लगा रहे बड़े साहब

बड़े जिलों के बड़े साहब एक-दो स्थान छोड़कर हर किसी को अधिक तवज्जो नहीं देते, लेकिन सबसे प्रमुख शहर के बड़े साहब को हर जगह फेरी लगाते हुए देखा जा सकता है। इन महाशय को सबसे अधिक पसंदीदा जगह कार्यक्रम स्थल हैं। जहां आने वाले सभी माननीयों का स्वागत करने के लिए साहब पहले से ही पहुंच जाते हैं। साहब की फेरी का ये भाव मंत्रियों से लेकर विधायकों को खूब भा रहा है।

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