Bihar Police Recruitment: बिहार में आज सोमवार 25 नवंबर को एक तरफ जहां विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है, तो वहीं दूसरी ओर आंदोलन का दौर भी शुरू हुआ है. दरअसल बिहार पुलिस भर्ती में धांधली का आरोप लगाने के साथ-साथ विभिन्न मांगों को लेकर कई संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया है. नीतीश सरकार के खिलाफ इस धरना प्रदर्शन में बिहार पुलिस अभ्यर्थी भी शामिल हुए हैं. जिन्होंने केंद्रीय चयन पर धांधली का आरोप लगाया है.

क्या है अभ्यर्थियों का आरोप?

पुलिस अभ्यर्थियों का आरोप है कि, एनसीएल और ईडब्ल्यूएस के तहत फॉर्म भरे गए अभ्यर्थियों का रिजल्ट उसके तहत नहीं आया है. इसलिए अविलंब उस आधार पर रिजल्ट जारी करना चाहिए. अभ्यर्थियों का कहना है कि, सिपाही भर्ती परीक्षा का फॉर्म ऑनलाइन भरना था, जिसमें ओबीसी, एसटी, महिला दिव्यांग के अलावा NCL और EWS का भी कॉलम था, लेकिन जो रिजल्ट जारी किया गया है उसमें ओबिसी, एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग का आरक्षण के तहत रिजल्ट आया है और NCL और EWS के तहत रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.

14 नवंबर को जारी हुआ था रिजल्ट

इस रिजल्ट में 10,7000 के करीब अभ्यर्थी चयन किए गए. केंद्रीय चयन परिषद ने 21 नवंबर को फिजिकल परीक्षा के लिए भी समय निर्धारित कर दिया. जो 9 दिसंबर से 10 मार्च तक है, लेकिन अब उस रिजल्ट पर भी हंगामों का दौर शुरू हो चुका है. पुलिस अभ्यर्थियों में NCL और EWS आरक्षण के तहत फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों ने केंद्रीय चयन परिषद पर आरोप लगाया है कि हमलोग का रिजल्ट उस आरक्षण के तहत नहीं हुआ है, जबकि फॉर्म भरते समय उसका ऑप्शन था.

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं को 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया और उसके तहत बिहार सरकार के गृह विभाग ने 21391 पदों के लिए जुलाई 2024 में 6 चरणों में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा ली थी, जिसका रिजल्ट जारी भी कर दिया गया है.

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‘भविष्य अंधकारमय हो गया’

प्रदर्शन में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने कहा कि, इसमें हमलोग लगभग 1 लाख अभ्यर्थी हैं, जिनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि उस आरक्षण के तहत हम लोग का रिजल्ट जारी करें नहीं तो हमलोग का आंदोलन जारी रहेगा. हमलोगों के साथ अन्याय हुआ है.

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