अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक मणिराम दास छावनी में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि राम मंदिर की वर्षगांठ हर साल 22 जनवरी को नहीं मनाई जाएगी. राम मंदिर की वर्षगांठ का फैसला हिन्दू तिथियों और पंचांग के अनुसार होगा.

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ट्रस्ट ने बताया कि संतों से परामर्श के बाद यह तय किया गया कि जिस प्रकार सभी हिंदू उत्सव और पर्व हिंदी तिथि और पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार प्रभु श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रति वर्ष पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी अर्थात कूर्म द्वादशी को मनाया जाए. इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाएगा. वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी.

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परिसर में यात्री सेवा केंद्र के निकट 3000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अपोलो हॉस्पिटल ,दिल्ली द्वारा अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा. परिसर के दक्षिणी कोने में 500 लोगों के बैठने के लिए प्रेक्षागृह, अतिथि समागृह तथा ट्रस्ट का कार्यालय निर्माण के लिए महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने शिलापट्ट का अनावरण कर शुभारंभ किया.

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ट्रस्ट ने ये भी बताया कि गर्मी और वर्षा से यात्रियों को बचाने के लिए मंदिर परिसर में अस्थायी जर्मन हैंगर लगाए गए थे. अब यहां 9 मीटर चौड़े और लगभग 600 मीटर लंबे स्थाई शेड का निर्माण होगा. निर्माण प्रगति में क्रमशः सप्त मंडल मंदिर मार्च तक शेषावतार मंदिर अगस्त तक और मंदिर का बाहरी परकोटा अक्टूबर तक बनकर पूर्ण होगा.