Kharmas 2024: चातुर्मास के बाद विवाह का शुभ मुहूर्त नवंबर में था. इसी तरह दिसंबर माह में भी विवाह के लिए 5 शुभ मुहूर्त बताए जा रहे हैं. इसके बाद 15 दिसंबर से खरमास शुरू होने जा रहा है. खरमास के दौरान विवाह समेत सभी शुभ कार्य पूरी तरह से वर्जित होते हैं. आपको बता दें कि खरमास तब होता है जब सूर्य मीन या धनु राशि में प्रवेश करता है. पंचांग के अनुसार सूर्य देव का धनु राशि में गोचर 15 दिसंबर को रात 10:19 बजे शुरू होगा. आइए अब जानते हैं कि खरमास के दौरान विवाह और अन्य शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार खरमास साल में दो बार आता है. जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है तो उस अवधि को खरमास कहा जाता है. पहला खर्मा मार्च-अप्रैल के दौरान पड़ता है और दूसरा खर्मा दिसंबर के महीने में पड़ता है. खरवासा की अवधि 30 दिन की होती है, क्योंकि सूर्य भगवान एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं. साल 2024 का आखिरी खरमास 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है. जिसका समापन 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा.
Kharmas में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य?
खरमास (मलमास) शुरू होते ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. इसके अलावा खरमास में गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, मुंडन संस्कार आदि कोई भी नया कार्य शुरू नहीं किया जाता है. खरमास में शुभ और मांगलिक कार्य न करने का कारण सूर्य की चमक का कम होना है. दरअसल, सूर्य देव को पृथ्वी पर जीवन का दाता माना जाता है. सूर्य देव की गर्मी के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है. ऐसे में जब सूर्य मीन या धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसकी तीव्रता कम हो जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए सूर्य का तेज बहुत शुभ माना जाता है. इसी कारण से खरमास के दौरान विवाह समारोह नहीं किये जाते हैं. ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और यह पिता पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसका मंद होना शुभ नहीं माना जाता है.
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