कुमार इंदर, जबपुर। देशभर में वायु प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। आमजनों से लेकर सियासी दल भी अब इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। वहीं, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पराली जलाने वाले किसान के खिलाफ एफआईआर होने पर उसकी पैरवी न करने का फैसला किया है, जिसने एक नई बहस को जन्म दे दिया। अधिवक्ता संघ के बयान के खिलाफ भारतीय किसान महासंघ उतर गया है और मांग की है कि उनसे माफी मांगी जाए, वरना बार काउंसिल को भंग किया जाए।
किसानों पर फोड़ा जा रहा ठीकरा
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री जबलपुर पहुंचे, जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि “जिस तरह प्रदूषण पराली जलाने को लेकर किसानों पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है, वह कहीं से भी सही नहीं है। पराली से महज 7 प्रतिशत प्रदूषण होता है। वह भी बाद में कंट्रोल हो जाता है।”
प्रदूषण के पीछे कारखाने और गाड़ियां
उन्होंने आगे कहा कि “असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की पूरी साजिश की जा रही है। प्रदूषण के पीछे असल में कारखाने और गाड़ियां हैं, लेकिन उस पर सवाल न उठाकर सिर्फ अन्नदाता को दोषी ठहराया जा रहा है। जिस तरह अधिवक्ता संघ और जिला प्रशासन ने किसानों के खिलाफ बयान और आदेश जारी किया है वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है। अपना बयान वापस लिया जाए, वरना बार काउंसिल को भंग किया जाए।”
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक