भूपेंद्र सिंह चौहान, रायगढ़. तहसील कार्यालय में जांच के लिए भेजी गई चार ऋण पुस्तिकाओं में तीन फर्जी पाए गए. पटवारी से कराई गई जांच में कूट रचना कर ऋण पुस्तिका बनाए जाने की पुष्टि होने रक अग्रिम कार्रवाई के लिए मामला जिला एवं सत्र न्यायालय को भेजा गया है.
गौरतलब है कि जमानत की प्रक्रिया में होने वाले छेड़छाड़ को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने ऋण पुस्तिका की जांच राजस्व विभाग के माध्यम से कराए जाने का निर्देश दिया हुआ है. इसी क्रम में सोमवार को तहसील कार्यालय के तहसीलदार शिवानी जयसवाल ने दाऊ सिंह पिता संतराम निवासी देवबहाल, तहसील जिला, रायगढ़ के नाम से 4 ऋण पुस्तिकाएं पाई गई, और इन चारों पर जमानत ली गई है.
तहसीलदार ने बताया कि ऋण पुस्तिकाओं की जांच में चारों एक ही ग्राम के पाए गए. नियमतः एक गांव में एक ऋण पुस्तिका एक व्यक्ति के नाम से होती है. दाऊ सिंह के नाम से एक ही ग्राम पंचायत के 4 ऋण पुस्तिका होने से इसकी गहन जांच-पड़ताल की गई. इसमें तीन ऋण पुस्तिका कूटरचित तरीके से बनाया जाना पाया गया, जिसके बाद मामला अग्रिम कार्रवाई के लिए जिला सत्र न्यायालय को प्रेषित किया गया है.
तहसीलदार शिवानी जयसवाल ने कहा कि इस मामले में एफआईआर की जाएगी, जिसके लिए हमने माननीय न्यायालय को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया है. जानकार बताते हैं कि जिला कोर्ट के आसपास जमानत के दलाल घूमते रहते हैं. इंद्र लाल ने 20000 रुपए की जमानत पर 10000 रुपए नगद लिया जाता है, जिसका दलाल और जमीन मालिक आपस में बंटवारा करते हैंं.
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