लखनऊ. वैसे तो योगी सरकार विकास के खूब कसीदे पढ़ती है, लेकिन उनका जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है. अगर दावों में जरा भी सच्चाई होती तो राजधानी लखनऊ में हर रोज हजारों लोगों की जिंदगी को दांव पर नहीं लगाया जाता. आलम ये है कि लोग जर्जर पुल पर चल रहे हैं. अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या योगी सरकार और उनके सिस्टम को मौत का इंतजार है क्या?

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बता दें कि पूरा मामला मोहनलालगंज बेलहिया खेड़ा का है. जहां जबरेला पुल जर्ज़र हो चुका है. जिसको ध्यान में रखते हुए बैरिकेटिंग लगाकर पुल से आवागमन बंद करा दिया गया था. लेकिन रात में डम्फर निकलने से बैरिकेटिंग टूट गई. जिससे फिर से भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है. साथ ही छोटे वाहन वाले भी पुल से गुजर रहे हैं. बैरिकेटिंग टूटने के बाद प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मौके पर नहीं पहुंचा.

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अब पूरे मामले को लेकर योगी सरकार के प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि क्या प्रशासन हादसे का इंतजार कर रही है? अगर कोई बड़ा हादसा हुआ तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?