Ola के CEO भाविश अग्रवाल को एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. जहां Ola Electric को उपभोक्ताओं की शिकायतों और असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उनकी नई AI कंपनी कृत्रिम AI ने अपने पहले साल में ऑपरेशन्स से कोई भी कमाई नहीं की. कंपनी ने इस दौरान 2.84 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है.

R&D में हुआ भारी निवेश

कृत्रिम AI ने अपने पहले साल में 134.86 करोड़ रुपये रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) पर खर्च किए. यह निवेश सिलिकॉन, क्लाउड टेक्नोलॉजी और एप्लाइड AI पर किया गया.

इस प्रोजेक्ट का बीटा वर्जन फिलहाल उपलब्ध है.

कंपनी ने घोषणा की है कि इसे वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा.

इसके अलावा, एडवांस कूलिंग मैथड्स पर 1.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया गया है, जिससे डेटा सेंटर में बिजली की खपत कम की जा सके.

भविष्य के लिए तैयारियां

कंपनी ने 2028 तक अपने डेटा सेंटर कैपेसिटी को 1 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.

कृत्रिम ने फरवरी 2024 में भारत का पहला फाउंडेशनल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) लॉन्च किया. यह प्लेटफॉर्म AI असिस्टेंट के रूप में मोबाइल और वेब प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा. बेंगलुरु और हैदराबाद में कंपनी ने डेटा सेंटर ऑपरेशन शुरू किए हैं, जो AI लक्ष्यों को सपोर्ट करेंगे.

Ola AI के लिए विशेष चिप्स का विकास

कंपनी ने तीन अलग-अलग प्रकार की चिप्स विकसित की हैं:

  • Bodhi: AI आधारित कार्यों के लिए.
  • Sarv: सामान्य कंप्यूटिंग के लिए.
  • Ojas: एज प्रोसेसिंग के लिए.

राजस्व की योजना और लॉन्च टाइमलाइन

स्टैंडअलोन फाइनेंशियल स्टेटमेंट के अनुसार, कृत्रिम ने 3.05 करोड़ रुपये बैंक डिपॉजिट से अर्जित किए हैं. हालांकि कंपनी को पहले से इस घाटे की उम्मीद थी क्योंकि यह अभी अपने भविष्य के राजस्व मॉडल की तैयारी में जुटी है.

कंपनी का कहना है कि यह वित्त वर्ष 2025 में अपने ऑपरेशन्स से राजस्व अर्जित करना शुरू करेगी.

क्या है कंपनी का दीर्घकालिक लक्ष्य? (Ola AI)

Ola की AI कंपनी कृत्रिम, भारत में AI तकनीक और डेटा सेंटर के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति लाने की तैयारी कर रही है. 2028 तक 1 गीगावॉट डेटा सेंटर क्षमता का लक्ष्य और फाउंडेशनल LLM के साथ, यह देश में AI तकनीक के उपयोग को बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

हालांकि, अभी तक कोई कमाई नहीं हुई है, लेकिन Ola कृत्रिम को एक लंबी अवधि की रणनीति के रूप में देख रही है.