लखनऊ। महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मुसीबतों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के सहयोगी दल लगातार उस पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी को इंडिया अलायंस का नेता बनाने की मांग की है। वहीं टीएमसी की इस मांग पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की। इस जीत से उत्साहित पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस अपना अहंकार त्याग दे और ममता बनर्जी को ‘इंडिया’ गठबंधन का नेता मान लें। उन्होंने महाराष्ट्र में चुनावी हार के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की।

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TMC सांसद ने कही ये बात

टीएमसी सांसद कल्याण ने कहा कि ममता बनर्जी का सिद्ध नेतृत्व और जमीनी स्तर पर जुड़ाव उन्हें विपक्षी दलों के गठबंधन का सबसे उपयुक्त नेता बनाता है। ममता बनर्जी को पूरे भारत में एक योद्धा के रूप में जाना जाता है। उनका नेतृत्व और जनता से जुड़ने की क्षमता उन्हें इंडिया अलायंस का आदर्श चेहरा बनाती है। एकीकृत और व्यावहारिक दृष्टिकोण के बिना विपक्ष की कोशिश डगमगाते रहेगी।

अखिलेश यादव बोले- बैठक में दूंगा सुझाव

तृणमूल सांसद के बयान पर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सांसद के बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में बदलाव से इसका चुनावी भाग्य नहीं बदलेगा। बीजेपी ने कहा कि चाहे कांग्रेस हो या तृणमूल या फिर कोई अन्य पार्टी, इसका इंडिया गठबंधन के चुनावी भाग्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस देश के लोगों ने इन पार्टियों को नकार दिया है। वहीं इस मांग पर जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कन्नौज सांसद अखिलेश यादव से सवा किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई चर्चा नहीं करूंगा। इंडिया अलायंस की बैठक में अपने सुझाव दूंगा।

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पश्चिम बंगाल में ममता का चला जादू, महाराष्ट्र में कांग्रेस की बुरी हार

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने पांच विधानसभा सीट पर तो जीत हासिल की है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी से मदारीहाट सीट भी छील ली। यानी ममता बनर्जी की पार्टी ने सभी छह सीटों पर क्लीन स्वीप किया है। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई है। भाजपा के अगुवाई वाले महायुति को 235 और एमवीए को 47 सीटों पर जीत मिली। निर्दलीय और एआईएमआईएम जैसे कुछ छोटे दल सिर्फ 6 सीटें जीत पाए।

बीजेपी को 132 सीटों पर जीत मिली। महायुति की घटक शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली। महाविकास आघाड़ी में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना सिर्फ 20 सीटों पर जीत पाई। जबकि कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 पर सिमट गई। वहीं समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली है।