नीरज उपाध्याय, सारण. Vineet Anand Success Story: अगर मन में कुछ कर गुजरने के लिए जज्बा हो तो कठिन से कठिन रास्ता भी आसान दिखने लगता है. कुछ इसी तरह के कहावत को सारण के लाल विनित आनंद ने चरितार्थ कर दिखाया है. सारण के लाल विनित आनंद ने रचा इतिहास बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) 69वीं की अंतिम रूप से घोषित परिणाम में परचम लहराते हुए टॉप 10 में जगह बनाते हुए पांचवा स्थान लाया है।

हालांकि टॉप टेन में पांचवा स्थान लाने के लिए विनित आनंद को कठिन परिश्रम और विकट परिस्थितियों से लड़ना पड़ा है। इनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। छोटी सी उम्र में ही सर से पिता का साया छूट गया। लेकिन इसके बावजूद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज बीपीएससी की परीक्षा पास कर सहकारी समिति में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर काबिज हुए.

संघर्ष पूर्ण रहा 12 साल का सफर

सारण जिले के मशरख प्रखंड अंतर्गत रामपुर पकड़ी गांव निवासी स्वर्गीय अवधेश तिवारी के पुत्र विनीत आनंद का बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा का अंतिम परिणाम आया है। जिसमें विनीत आनंद को टॉप 10 में पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है। हालांकि काफ़ी मशक्कत के बाद इनको सफ़लता मिली है। परिजनों ने बताया कि, इनके पिता की मृत्यु वर्ष- 2004 में ही हो गई थी। वहीं लगभग 10 से 12 वर्षो का सफर काफी संघर्ष पूर्ण रहा है।

विनीत आनंद कि प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव में ही हुई है। उसके बाद स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास विषय से वर्ष 2017 में पूरी हुई हैं। फिर इसी दौरान उन्होंने रेलवे में टेक्निशयन पद के लिए परीक्षा दिया था। जिसमें सफलता तो मिली लेकिन विनीत आनंद ने इसको ठुकरा दिया। क्योंकि इनका सपना कुछ और था। लेकिन अपने सपने को साकार करने के लिए दिल्ली में ही रहकर तैयारी करते रहे। जिन्होंने बीपीएससी के तहत बिहार में पांचवा रैंक लाया है।

मां ने सूझबूझ के साथ संभाला परिवार

बहन प्रियंका कुमारी ने बताया कि, आज से 20 वर्ष पहले पिता के खोने के बाद ऐसा लगा था कि मानो पूरा परिवार बिखर जाएगा। लेकिन मेरी मां अपनी सूझबूझ के साथ परिवार को संभाल कर परिवार को बिखरने से बचाया ही नहीं बल्कि हम सभी को पढ़ा लिखा कर इक अच्छा इंसान भी बनाया। विनीत शुरू से ही पढ़ने लिखने में सजग और पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत करता था। जिस कारण परिवार की सहमति से दिल्ली पढ़ने के लिए भेजा गया था। जहां काफी संघर्ष के बाद उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया है। विनीत का चयन टॉप 10 में पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है। जिसमें सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति के पद मिला है।

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रेलवे में ठुकराया था टेक्नीशियन का पद

इस संबंध में विनीत आनंद का कहना है कि, विगत 12 वर्षो का समय कम नहीं होता है। क्योंकि गुजरे हुए दिनों को याद कर आज भी मेरा मन व्यथित हो जाता हैं। क्योंकि इन बारह वर्षों में ना जाने कितना उतार चढ़ाव हुआ है। लेकिन हां संघर्ष का मीठा होता है ऐसी बाते सुने थे लेकिन आज सच साबित हो गया है। हालांकि इसके पहले रेल विभाग में टेक्नीशियन पद कि नौकरी तो हो गई थी, लेकिन हमने योगदान नहीं दिया था। क्योंकि रेल विभाग में जाने की इच्छा नहीं थी। जिस कारण मैने इसको ठुकरा दिया था।

विनीत आनंद ने बताया कि, बीपीएससी को परिणाम तो आए गया है लेकिन फिलहाल मेरा यूपीएससी की तैयारी चल रही है। बहुत ही जल्द उसका भी परिणाम आने वाला है। पिता जी की असामयिक निधन से ऐसा लगा कि परिवार बिखर जाएगा। लेकिन मेरी मां और बहन ने संभाला और मुझे हिम्मत दिया। जिसके वजह से इस मुकाम तक पहुंचा हूं।

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