रोहित कश्यप, मुंगेली- जिले में जल संसाधन विभाग के अधिकारी इतने उदासीन हो गए की अपने कमीशन के लिए ठेकेदार को फ्री छोड़ दिए हैं. वहीं ठेकेदार भी मनमानी करते हुए नहर लाइनिंग के काम में गुणवत्ता को ताक पर रखकर काम करा रहे हैं. प्राकलन का अनदेखा कर अमानक स्तर के मटेरियल का उपयोग कर विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर घोटाले को अंजाम देने की फिराक में है. यही वजह है कि इस तरह के कार्यों की भौतिक सत्यापन भी आंख मूंदकर अधिकारी कर दे रहे हैं. वहीं जब मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के एसडीओ बंजारे से बात की गई तो उन्होंने सभी बातों को दरकिनार करते हुए लाइनिंग के काम को पूरी गुणवत्तापूर्ण बता दिया और एक सिरे से सारी बाते खारिज कर दिया.
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के अधिकारी कितने गंभीर है. जब अधिकारी ही मिट्टी को मुरुम का प्रमाण पत्र दे तो ऐसी में नहर निर्माण की गुणवत्ता को समझ सकते हैं. विभाग के अधिकारी निर्माण कार्य की गुणवत्ता से नहीं बल्कि अपने कमीशन से मतलब है. ताजा मामला मुंगेली के चातर खार क्षेत्र के बड़ी नहर से शक्ति माई मंदिर तक करीब ढाई किलो मीटर तक कराई जा रही करोड़ों की लागत से नहर लाइनिंग के काम में देखने को मिली है. जहां कार्य पूरा भी नहीं हुआ है और जगह-जगह दरारे दिखाई पड़ रही है, उससे भी बड़ी बात यह है कि इस कार्य में पिचिंग करने से पहले मुरूम का बेड तैयार किया जाना था, जिसके जगह में मिट्टी डालकर काम चलाया जा रहा हैं.
इस मामले में जहां बीजेपी के नगर अध्यक्ष सुनील पाठक ने मामले में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग करने की बात कही है तो वहीं क्षेत्र के कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य लोकराम साहू का कहना है कि उन्होंने मौखिक तौर पर विभागीय अधिकारियों को कार्य में गुणवत्ता लाने की मांग किया था, जिसे नजरअंदाज कर अधिकारी और ठेकेदार मनमानी तरीक़े से काम करा रहे हैं.
काम सही चल रहा है, अगल गलत होगा तो सुधार लिया जाएगा
मुंगेली एसडीओ यूके बंजारे ने मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि मैंने निरीक्षण किया है. काम सही चल रहा है. अगर कही गलत तरीके से काम करते पाया गया तो जांच करवाकर गुणवत्ता पूर्ण कराई जाएगी. वहीं उन्होंने दरार पड़ने की बात पर कहा है कि अभी काम निर्माण पीरियड में है तो थोड़ा बहुत तो इस तरह होता है जिसे सुधार लिया जाएगा.