लखनऊ. हर रोज देश में किसी न किसी कोने साइबर ठगी के मामले सामने आते हैं. ऐसा ही एक मामला यूपी की राजधानी से सामने आया है. जहां देशभर में लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले 3 और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये ठग सीबीआई, नारकोटिक्स, और क्राइम ब्रांच के नकली अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करते थे और फिर लोगों के अकाउंट खाली कर देते थे.
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बता दें कि जिन साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वे खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाते थे और फिर डिजिटल अरेस्ट कर फर्जी एप और एपीके फाइल भेजकर पीड़ित के मोबाइल पर एसएमएस का एक्सेस लेते थे. उसके बाद अकाउंट से सारे पैसे उड़ा लेते थे. आरोपी पकड़ में न आएं, इसलिए 4-5 अलग-अलग अकाउंट में पैसे भेजते थे और फिर क्रिप्टो करेंसी में बदल देते थे. इस गिरोह ने चार महीने में नोएडा में 8 करोड़, जयपुर में 1.5 करोड़, दिल्ली और केरल में कुल 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था.
कहां से सीखा ठगी का तरीका
वहीं पूछताछ में ठग श्याम ने बताया कि यह खेल कम्बोडिया से सीखा गया था. ठगी की इस प्रक्रिया में तकनीकी विशेषज्ञता, फर्जी बैंक अकाउंट्स और एप डाउनलोड के जरिए पीड़ितों के मोबाइल तक पहुंच बनाई जाती थी.
कैसे धराए शातिर
शातिरों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ की साइबर टीम ने तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर तंत्र की मदद ली और फिर हरियाणा के गुरुग्राम से तीनों ठगों को गिरफ्तार किया. सभी के खिलाफ आईटी एक्ट और कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. एसटीएफ अब गिरोह के बाकी सदस्यों और उनके बैंक खातों की जांच कर रही है.
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