सोहराब आलम/मोतिहारी: मान्यता है कि भारत और नेपाल के बीच बेटी रोटी का रिश्ता रहा है, क्योंकि ओपन बॉर्डर के कारण दोनों देशों के बीच शादी संबंध भी होता है. यही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच धार्मिक संस्कृति भी मिला जुला हुआ है. जिसके कारण नेपाल के गढ़ी माई में 5 वर्षों पर लगने वाले मेले में बलि देने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है और इसमें बड़ी संख्या में भारत से भी लोग पशु-पंछियों को लेकर जाते है और बलि चढ़ाते है. 

बॉर्डर पर बढ़ा दी चौकसी 

लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि बलि प्रथा को लेकर दोनों देश के कानून अलग-अलग है. भारत में बलि प्रथा पर रोक है. यहां कोई भी व्यक्ति किसी पशु की बलि नहीं दे सकता है, जिस कारण प्रशासन और कुछ सामाजिक संगठन नेपाल जाने वाले पशुओं पर रोक लगा रहे है. मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने तो पशुओं की बलि न हो. इसको लेकर बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है. जिस कारण लगातार पशुओं को पकड़ा जा रहा है और पशु ले जाने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है.

पशुओं की दी जाती है बली 

वहीं, दूसरी ओर पशु बलि पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक से विश्व प्राणी कल्याण मंडल के संचालक दयानन्द स्वामी मोतिहारी पहुंचे है और उन्होंने भी बताया कि नेपाल के गाढ़ी माई मेले में पूरे देश से पशुओं को लाकर बलि दी जाती है. जिसपर रोक लगाने के लिए इस संस्था से जुड़े बड़ी संख्या में लोग पुलिस के सहयोग से पशुओं को पकड़वा रहे है. बलि के लिए नेपाल ले जाने वाले पशुओं पर रोक लगाने के लिए बिहार सरकार के द्वारा पत्र भी जारी किया गया है. 

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