केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जॉर्ज सोरोस के सीधे संबंधों को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. बीजेपी ने पिछले तीन दिनों से जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी के सीधे संबंधों पर चर्चा की मांग की है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “क्या यह नाटक नहीं है जो वे यहां कर रहे हैं? ये बचकाना तरीका है,” “विपक्ष मुझे बोलने नहीं दे रहा है. यह चौथा दिन है जब मेरा शून्यकाल बर्बाद हुआ है. वे मेरी आवाज दबा रहे हैं. मैंने विपक्ष को इतना नीचे गिरते हुए कभी नहीं देखा.” विपक्षी नेता रहे राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी हैं, लेकिन क्या कभी उन्हें ऐसे वीडियो बनाते देखा गया? ये बच्चे हैं.
राजनाथ सिंह को संसद परिसर में राहुल गांधी देने लगे तिरंगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राहुल गांधी ने झंडा दिया, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया और संसद में आगे बढ़ गए. इस दौरान राहुल और राजनाथ सिंह के बीच कुछ सेकेंड की बातचीत हुई, लेकिन जैसे ही राहुल ने तिरंगा दिया, राजनाथ सिंह बिना कुछ लिए ही मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए. इस दौरान वहां मौजूद कांग्रेस, बीजेपी और सुरक्षाकर्मियों ने भी ठहाके लगाए, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इंडिया गठबंधन अडानी मुद्दे पर कायम
बीजेपी से अलग, विपक्ष अडानी रिश्वतकांड पर सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष इसे लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जो कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर चुका है. कांग्रेस भी बीजेपी के आरोपों को इसी से जोड़ रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार जॉर्ज सोरोस को अडानी मुद्दे से हटाने के लिए उठा रही है.
विपक्ष को थोड़ा सम्मान देना चाहिए – रंजीत रंजन
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, “… इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है. उन्होंने हमारे लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. ऐसा लग रहा है कि वे सत्ता पक्ष के सदस्यों को खड़ा करके शोर मचा रहे हैं ताकि सदन स्थगित हो जाए. विपक्ष को थोड़ा सम्मान देना चाहिए. उन्हें बहस का मौका दिया जाना चाहिए. बहुत सारे मुद्दे हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि सदन चले.”
सरकार सदन में बांग्लादेश मुद्दे पर करे बहस – सुदीप बंदोपाध्याय
“सरकार को सदन में आना चाहिए और इस पर खुलकर बहस करनी चाहिए. हमने सरकार को भरोसा दिलाया है कि हम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उसके साथ खड़े हैं. विदेश सचिव के बांग्लादेश दौरे के बाद उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा.”
सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, “यह बहुमत या अल्पमत का सवाल नहीं है. मुद्दा यह है कि हम राज्यसभा के सभापति के खिलाफ ऐसा प्रस्ताव लाने के लिए बाध्य हैं क्योंकि यह स्पष्ट है कि वह सत्ताधारी मोर्चे की मदद कर रहे थे और सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन किया गया.” राज्यसभा के अध्यक्ष का एकतरफा दृष्टिकोण गलत है, जो हमेशा सत्ताधारी पक्ष की मदद करता है और विपक्ष के वास्तविक अधिकारों को नकारता है. उन्हें किसी भी मोर्चे में शामिल नहीं होना चाहिए.
“हमने संसद परिसर में बीजेपी सांसदों को राष्ट्रीय ध्वज बांटा है और उनसे कहा है कि वे देश को न बेचें और उसे आगे ले जाएं. दुर्भाग्य से, हम देख रहे हैं कि अडानी इन दिनों देश चला रहे हैं… सब कुछ उन्हें दिया जा रहा है और गरीबों की आवाज को दबाया जा रहा है. हम देश को बेचने की साजिश के खिलाफ हैं.”
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