शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल पर श्री हरमंदिर साहिब में हुए जानलेवा हमले को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इस वारदात में न केवल नरोत्तम सिंह चौरड़ा शामिल था, बल्कि उसके साथ दो अन्य लोग भी थे।

सीसीटीवी फुटेज का खुलासा


मंगलवार को मीडिया से बातचीत में मजीठिया ने सीसीटीवी फुटेज साझा करते हुए कहा कि चौरड़ा के साथ एक अन्य आरोपी बीकेआई-आईएसआई का एजेंट था और एक पुलिस कर्मचारी को भी हमले से पहले इनसे बात करते हुए देखा गया। फुटेज में यह स्पष्ट है कि दूसरा हमलावर खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) का आतंकी धरम सिंह था। इसके अलावा, एक अन्य अज्ञात साथी भी फुटेज में नजर आया है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है।

चौरड़ा और उसके सहयोगियों की भूमिका


मजीठिया ने बताया कि फुटेज में चौरड़ा के साथ आईएसआई और केसीएफ के संबंध साफ नजर आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अमृतसर पुलिस इस मामले में चौरड़ा को अकेला दोषी बता रही है, जबकि उनके सहयोगियों की पहचान हो चुकी है।

अमृतसर पुलिस पर सवाल


मजीठिया ने अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर से सवाल करते हुए कहा कि भुल्लर पहले से जानते थे कि चौरड़ा एक खतरनाक आतंकी है। 2013 में मोहाली के एसएसपी के तौर पर उन्होंने चौरड़ा से पूछताछ की थी, जिसमें उसने आरडीएक्स, ग्रेनेड और एके-47 जैसे हथियार रखने और सुखबीर बादल की हत्या की साजिश कबूल की थी। इसके बावजूद, अमृतसर पुलिस ने चौरड़ा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

आतंकी को भगाने का आरोप


मजीठिया ने आरोप लगाया कि 3 दिसंबर को जब श्री दरबार साहिब परिसर की चेकिंग की गई, तब एसपी हरपाल रंधावा ने चौरड़ा को गिरफ्तार करने के बजाय उसे फरार होने में मदद की।