हर्षराज गुप्ता, खरगोन। नर्मदा किनारे के स्थित तेली भट्यान आश्रम के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा ने बुधवार को अपनी अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर लगते ही निमाड़ मालवा सहित प्रदेश के अन्य स्थान से हजारों श्रद्धालु भट्यान आश्रम पर पहुंचने लगे थे. उनके दाह संस्कार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सियाराम बाबा का नहीं होना, निमाड़ मालवा के साथ पूरे प्रदेश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. सियाराम बाबा ने हनुमान जी और मां नर्मदा के परम भक्त होने के साथ अपनी सादगी के नाम से संत के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. उन्होंने जीवन में कभी भी किसी लोभ लालच और मोह माया को अपने पास आने नहीं दिया. सियाराम बाबा को लेकर हम चिंतित थे और लगातार उनके बेहतर स्वास्थ्य को लेकर प्रयास कर रहे थे, लेकिन परमात्मा की लीला के आगे सब बाते मिथ्या है और आज सियाराम बाबा हमारे बीच में नहीं रहे.

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सियाराम बाबा को 4 बजे चंदन की लकड़ी में पंचतत्व में विलीन किया गया. इस दौरान नर्मदा किनारे क्षेत्र के साधु-संत, महात्मा मंडलेश्वर और महामंडलेश्वर सहित हजारों श्रद्धालु तेली भट्यान सहित आश्रम पहुंचे थे. जहां जय-जय सियाराम के नारों के साथ सियाराम बाबा को पंचतत्व में विलीन किया गया. इस दौरान जहां जय-जय सियाराम के जयघोष से नर्मदा किनारे का क्षेत्र गूंज रहा था. वहीं सियाराम बाबा की कमी उनके भक्तों के चेहरे पर अलग नजर आ रही थी. इस दौरान खरगोन खंडवा जिले के सांसद विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

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