गोविन्द पटेल, कुशीनगर. यूपी के कुशीनगर सहित कसया कस्बे के होटलों में देह व्यापार का कारोबार चल रहा है. वहीं इस जिस्मफरोसी के धंधे पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम दिखाई दे रहा है. सूत्रों की मानें तो इन देह व्यापार के कारोबारियों को राजनितिक और प्रशासनिक संरक्षण मिल रहा है. जिसके चलते इन होटलों में पांव पसार चुका देह व्यापार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यह अनैतिक कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जिससे अंर्तराष्ट्रीय पर्यटन स्थल की बदनामी हो रही है.

दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली महापरिनिर्वाण मंदिर क्षेत्र और कुशीनगर नगर पालिका परिषद क्षेत्र के कसया कस्बे के होटलों में देह व्यापार का कारोबार धड़ल्ले से संचालित हो रहा. कुछ होटलों और रेस्टोरेंट में पर्मानेंट दूर-दूर से आई लड़कियां रहती हैं और ग्राहकों से मुंहमांगी कीमत लेकर उनका शौक पुरा करती हैं. जिससे होटल संचालकों और उनका काम चलता है.

कैसे होता है कारोबार

कसया कस्बे में संचालित कई होटलों में बेसमेंट बना हुआ है. जिसमें मुंह बांधे युवक-युवतियां आते हैं. जो सीधे बेसमेंट में गाड़ी खड़ा कर कमरों में चले जाते हैं और कुछ घंटे रंगरेलियां मनाकर सीधे निकल जाते हैं. जिसको लेकर बाहर किसी को भनक तक नहीं लगती है और होटल कारोबारियों को कुछ घंटों के हजारों रुपए मिल जाते हैं. इनके खिलाफ समय-समय पर प्रशासन छापेमारी कर कार्रवाई तो करता है, लेकिन कुछ दिनों तक कारोबार बंद हो जाता है और फिर उनका अनैतिक कार्य वापस से शुरू हो जाता है.

प्रशासन से बचने का तरीका

कुशीनगर स्थित रेस्टोरेंट और होटल में दूर-दूर से लड़कियां आती हैं, जो जिस्मफरोशी के काले कारोबार में लिप्त हैं. जिससे अंर्तराष्ट्रीय पर्यटन स्थल की बदनामी हो रही है. इस कारोबार में लिप्त कारोबारी इतने चालाक हैं कि इन होटलों और रेस्टोरेंट पर लगे सीसीटीवी कैमरे हमेशा बंद रखते हैं. ताकि इन होटलों पर प्रशासन की कार्रवाई होगी तो इनके अनैतिक गतिविधियों की जानकारी उजागर नहीं होगी और वे पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बच निकलते हैं. अगर इनके होटलों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को प्रशासन खंगाला जाए तो इनकी सच्चाई सामने आ जाएगी और सटीक जानकारी हो जाएगी कि पूरे दिन इनके होटलों में कौन-कौन आता और जाता हैं. इससे कारोबारियों के अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लग सकता है. लेकिन प्रशासन के ढुलमुल रवैए के चलते अंर्तराष्ट्रीय पर्यटन स्थली पर उनका यह कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है.