अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा। राज्य सरकार ग्रामीणों क्षेत्रों में विकास दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है. कटनी जिले में एक ऐसा गांव है, जहां न सड़क, न बिजली, न स्कूल और न आंगनबाड़ी है. इतना ही नहीं महिलाओं को लाडली बहना योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है. यह मामला शाहडार जंगल के बीच बसे ग्राम खरहटा का है.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली, स्कूल, आंगनबाड़ी की सुविधा नहीं है. मुख्य मार्ग से गांव पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर तक कच्ची सड़क है. बारिश के दिनों में महिलाओं को प्रसव और बीमारों को उपचार के लिए चारपाई पर लेकर जाना पड़ता है. बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव जाने में भी खस्ता हाल सड़क के कारण परेशानी होती है. स्वास्थ्य विभाग की एएनएम पांच किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचती है और ग्रामीणों को दवा का बांटती है.

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उनका कहना है कि बिजली न होने के कारण नल जल योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले के प्रयास से गांव में सौर ऊर्जा लगाई गई थी, लेकिन ठेकेदार के घटिया सौर ऊर्जा लगाने के कारण उन्हें उसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. महिलाओं ने बताया कि उन्हें लाडली बहना योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों ने शासन- प्रशासन से जल्द से जल्द गांव की समस्याओं का निराकरण करवाने की मांग की है. अब देखना होगा कि क्या ग्रामीणों के समस्याओं को समाधान होता है या नहीं, या फिर उन्हें ऐसे ही जीवन यापन करना पड़ेगा.

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