आशुतोष तिवारी, सुल्तानपुर. प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों के रिश्वत लेने का मामला सामने आते ही रहते हैं. इसके बावजूद ज्यादातर केस में इन कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होती. बीते दिनों जिले के जयसिंहपुर क्षेत्र में तहसील के पेशकार को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. जिसके बाद क्षेत्र के SDM को सस्पेंड कर दिया गया. इस कार्रवाई के बाद बार एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया और उन्होंने इस कार्रवाई को जल्दबाजी का फैसला बताया.
रिश्वत की मांग
दरअसल, जिले के जयसिंहपुर के मोतिगरपुर क्षेत्र के मोहर्रम अली ने अयोध्या एंटी करप्शन कार्यालय में पेशकार की ओर से स्टे देने के एवज में 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर तहसील के पास से पेशकार को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद गोसाईंगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. 13 दिसंबर को हुए SDM की कार्रवाई के बाद जयसिंहपुर बार एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया और इस पर असहमति जताई. उन्होंने सीएम को संबोधित एक मांग पत्र तहसील प्रशासन को सौंपा है.
पुराने रिश्वत के मामले
नवंबर 2023 में कुड़वार और कादीपुर में दो राजस्व कर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था. कुड़वार के राजस्व निरीक्षक त्रिलोकीनाथ मिश्रा और उनके मुंशी को 8 नवंबर को, जबकि कादीपुर के कानूनगो को 13 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया. 2022 में रिश्वत के कई मामले सामने आए. सदर तहसील और बल्दीराय में लेखपालों की गिरफ्तारी हुई, लेकिन SDM पर कोई कदम नहीं उठाया गया.
एसडीएम पर कार्रवाई से उठे सवाल
जयसिंहपुर के मामले में एसडीएम पर कार्रवाई ने प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अधिवक्ताओं का कहना है कि इससे पहले के मामलों में एसडीएम पर कोई कदम नहीं उठाया गया था, तो अब ऐसा क्यों किया गया? मामले ने जिले में प्रशासनिक स्तर पर अलग-अलग मापदंड अपनाने का मुद्दा गर्मा दिया है.
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