हरिद्वार. योग गुरु बाबा रामदेव ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से मस्जिदों और मंदिरों से संबंधित दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे भागवत का व्यक्तिगत बयान मानते हुए कहा कि इस विषय पर कई संत भी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म और धार्मिक स्थलों पर आक्रमण करने वाले आक्रांताओं को सख्त सजा मिलनी चाहिए.
रामदेव ने कहा कि आक्रांताओं ने हमारे मंदिरों, तीर्थों और धार्मिक प्रतीकों को नष्ट किया और सनातन धर्म पर हमला किया. उनका मानना है कि इन आक्रमणकारियों को दंडित करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका पर है, लेकिन हमें भी अपने प्रमुख तीर्थस्थलों पर निर्णय लेना चाहिए ताकि उन आक्रांताओं को सबक मिल सके. उन्होंने ये भी कहा कि पापियों को उनका फल मिलना चाहिए, हालांकि देश में भाईचारे को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.
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गुरुकुल शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने प्रयासरत
दूसरी ओर, मोहन भागवत की टिप्पणी को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी और कुछ मुसलमान नागरिक समाज समूहों ने सराहा. इन समूहों ने भागवत की समावेशी समाज की वकालत को सकारात्मक रूप में लिया और आशा जताई कि ये टिप्पणी उन लोगों के लिए मार्गदर्शक होगी, जो देश के मूल ताने-बाने पर हमला कर रहे हैं. इस बीच, रामदेव ने यह भी बताया कि वे पूरे देश में गुरुकुल की शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.
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