देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का उनकी जयन्ती पर भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में उनके सक्रिय सहयोग को सदैव याद रखा जाएगा।
इंद्रमणि बडोनी राज्य आंदोलन के सूत्रधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी 1994 के राज्य आंदोलन के सूत्रधार रहे। वे देवभूमि के संस्कारों के अग्रदूत व पहाड़ के सच्चे हितैषी थे। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये उनकी संकल्पनाओं एवं राज्य निर्माण के संघर्ष में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. बडोनी की जयंती का अवसर हमें उत्तराखण्ड को विकसित एवं अग्रणी राज्य बनाने की भी प्रेरणा देता है।
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अखोड़ी में हुआ था इन्द्रमणि बडोनी का जन्म
इन्द्रमणि बडोनी को उत्तराखंड का गांधी कहा जाता है। इन्द्रमणि बडोनी का जन्म आज ही दिन के सन 1925 में टिहरी गढ़वाल जिले की अखोड़ी गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सुरेशानंद और माता का नाम कलदी देवी था। 1992 में उन्होंने गैरसैण को राजधानी बनाने की घोषणा की थी। 18 अगस्त साल 1999 को इन्द्रमणि बडोनी का निधन हो गया।
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देव प्रयाग विधानसभा सीट से 3 बार रहे विधायक
इन्द्रमणि बडोनी ने हमेशा से ही उत्तराखंड को एक अलग राज्य बनाने चाहते थे। इसके लिए उन्होंन आजीवन संघर्ष किया और कई बड़े आंदोलन भी किए। बडोनी साहब देव प्रयाग विधानसभा सीट से तीन बार विधायक चुन गए। साल 1967 में वे पहली बार यहां से निर्वाचित हुए। इसकी बाद धीरे-धीरे इनका कद बढ़ता चला गया। उन्होंने उक्रांद के बैनर तले लंबा संघर्ष किया और उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने की मांग की।
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