भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने आज खुलासा किया कि वह भी चिट फंड घोटाले का शिकार हुए थे. उन्होंने बताया कि अधिक रिटर्न का लालच देकर उनकी भी धनराशि ठगी गई थी.
भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री माझी ने इस बात का खुलासा किया. उन्होंने कहा, “मैं भी चिट फंड घोटाले का शिकार हुआ हूं. 1990 से 2002 के बीच, दो चिट फंड कंपनियों एक सरकारी और एक निजी ने मुझे ठगा. मैंने अपनी जमा राशि के लिए पैसा इकट्ठा किया था, लेकिन पाया कि कोई कंपनी मौजूद ही नहीं है.”
मांझी ने बताया कि उन्होंने पुराने चिट फंड कानून के तहत अपनी राशि वापस पाने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि कोई परिणाम नहीं मिला. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा 2019 में चिट फंड अधिनियम, 1982 में संशोधन की सराहना की. मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कानून में सभी खामियों को दूर किया गया.”
ओडिशा सरकार ने 342 चिट फंड कंपनियों पर की कार्रवाई
रिपोर्टों के अनुसार, ओडिशा में लाखों जमाकर्ताओं ने फर्जी चिट फंड कंपनियों में अपनी जमा पूंजी गंवा दी. इन घोटालों के चलते राज्य सरकार ने 342 चिट फंड कंपनियों पर कार्रवाई की, जिनमें सीशोर, अर्थ ततवा, रोज वैली, और माइक्रो जैसी कंपनियां शामिल थीं.