नई दिल्ली। भारत ने घोषणा की है कि वह पूर्वी प्रांत में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में 33 विकास परियोजनाओं के लिए श्रीलंका को 2,371 मिलियन रुपए की सहायता देगा. श्रीलंका में चीन को मात देने के लिए इसे भारत का बड़ा दांव माना जा रहा है.
कैबिनेट प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सामाजिक-आर्थिक विकास और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
इस व्यवस्था के तहत भारत शिक्षा के लिए 315 मिलियन रुपए, स्वास्थ्य के लिए 780 मिलियन रुपए और कृषि के लिए 620 मिलियन रुपए प्रदान करेगा. इन परियोजनाओं का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, विकास और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है.
इस बीच किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया था कि श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा, जिसकी परिणति वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के वर्ष के अंत तक राष्ट्रपति पद पर आश्चर्यजनक रूप से उभरने के रूप में होगी, जब भारत ने उन्हें फरवरी में यात्रा के लिए आमंत्रित किया था. इस घटनाक्रम ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच की गतिशीलता पर नए सिरे से ध्यान आकर्षित किया है.
56 वर्षीय दिसानायके, जिन्हें AKD के नाम से जाना जाता है, को सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया गया, जिससे 2019 में उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के वोट शेयर में तीन प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत से अधिक की पूर्ण क्रांति हुई.