Boycott Bangladesh campaign In Delhi: ‘बॉयकॉट बांग्लादेश’ कैंपेन त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल होते हुए देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गया है। दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित ऑटो पार्ट्स के थोक व्यापारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की वजह से पड़ोसी देश के साथ व्यापार का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। दुकानदारों ने अपने दुकान के बाहर ‘बॉयकॉट बांग्लादेश’ का पैम्फलेट (pamphlet) लगा दिया है।
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में फैली हिंसा (Bangladesh Violence) के बाद शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही है। कट्टरपंथी सोट वाली यूनुस सरकार हिंदुओं के खिलाफ लगातार फैसले ले रही है। इसे लेकर भारत में गुस्सा है।
इस बीच दिल्ली के कुछ व्यापारियों ने बांग्लादेश को बहिष्कार करने का आह्वान किया है। कश्मीरी गेट स्थित ऑटो पार्ट्स के थोक व्यापारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की वजह से पड़ोसी देश के साथ व्यापार का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। विनय नारंग ने कहा कि “वहां (बांग्लादेश) पर हिंदुओं के साथ अत्याचार हुआ, हमारी मंदिरों को नष्ट किया गया और कई हिंदू भाइयों को जान से मार दिया गया। यह गलत था, हमारे बाजार ने बांग्लादेश के साथ बिजनेस ठप करने का फैसला लिया है। उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश एक विकासशील देश है. 15 जनवरी तक कार पार्ट्स का एक्सपोर्ट रोकने का फैसला ट्रांसपोर्टेशन पर असर डाल सकता है। करीब 2000 दुकानों ने बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करना बंद कर दिया है।
27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम और 54 मंदिरों को फूंक दिया था
बता दें कि बांग्लादेश में फैली हिंसा की आड़ में कट्टरपंथी मुस्लिम (fundamentalist muslim) ने देश के 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम किया। उनके घरों और प्रतिष्ठान को निशाना बनाया। वहीं घरों में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया। वहीं कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिर फूंक दिए। पूरे देश में दंगाई आतंक का तांडव नृत्य किया। बांग्लादेश डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात देश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। दंगाइयाें ने टोली या छोटे-छोटे झुंड बनाकर हिंदू बस्तियों पर धावा बोला। हिंदुओं के घरों में घुसकर लोगों को मारपीट कर बाहर निकाला। पूरा सामान लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया। विरोध करने वाले हिंदुओं को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था।
पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा को बताया अपने देश का हिस्सा
कट्टरपंथी यूनुस सरकार (Muhammad Yunus) और उसके मंत्री भी भारत (India) के खिलाफ लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। पिछले दिनों बांग्लादेश ने एक और नापाक हरकत की है। बांग्लादेश ने विवादित नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में भारत के पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा को अपने देश का हिस्सा बताया था। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार महफूज ने फेसबुक पर एक विवादित नक्शा साझा किया था, जिसमें भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया था।
पोस्ट में महफूज आलम ने पूर्वोत्तर और उत्तरी भारत में सांस्कृतिक असंतोष को भड़काने का प्रयास किया था। इसके साथ ही, एक विवादित नक्शा जारी किया, जिसमें पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद, महफूज ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी थी।
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बांग्लादेश की भारत से मांग
यूनुस सरकार में विदेश मंत्रालय के सलाहकार डॉ तौहीद हुसैन ने 23 दिसंबर को राजनयिक नोट भेजते हुए एक मांग की है। उसने कहा कि सरकार लीगल प्रोसेस के लिए हसीना का प्रत्यर्पण चाहती है. दरअसल, मौजूदा सरकार का आरोप है कि हसीना के दफ्तर में कई लोगों पर हिंसा हुई। यहां तक कि प्रदर्शनकारियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। हसीना और उनके लोगों के खिलाफ 60 से ज्यादा शिकायतों में नरसंहार भी शामिल है। कथित तौर पर इसी जांच के लिए बांग्लादेश सरकार हसीना और अवामी लीग के कई नेताओं की गिरफ्तारी चाहती है।
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