Budget 2025: संसद का बजट सत्र (Parliament budget session) 31 जनवरी से शुरू होगा। पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण होगा। इसके बाद 1 फरवरी को बजट-2025 पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का आठवां बजट पेश करेंगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक प्रस्तावित है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।
सदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत सरकार की सिफारिश पर संसद के दोनों सदनों को बजट सत्र 2025 के लिए 31 जनवरी, 2025 से 4 अप्रैल, 2025 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यता के अधीन) बुलाने की मंजूरी दी है।
सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू
सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च को शुरू होगा और इसके 4 अप्रैल तक जारी रहने की संभावना है। बजट सत्र में कुल 27 बैठकें प्रस्तावित है। रीजीजू ने कहा कि दोनों सदन 13 फरवरी को अवकाश के लिए स्थगित हो सकते हैं और विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए 10 मार्च को फिर से मिलेंगे।
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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट सत्र होगा। मोदी सरकार अठारहवीं लोकसभा चुनाव के बाद पूर्ण बजट पेश करेगी। वहीं इसके पहले हुए शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा हुआ था। संसद के शीतकालीन सत्र का ज्यादातर हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया था।
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टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव
सरकार नई टैक्स व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में और बदलाव करने पर विचार कर सकती है ताकि अधिक टैक्सपेयर्स को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। खासतौर पर ऐसी अटकलें हैं कि 30% टैक्स रेट ₹20 लाख से अधिक इनकम लेवल पर लागू की जा सकती है। साथ ही 5 लाख रुपये की सालाना इनकम को मोदी सरकार टैक्स स्लैब शून्य कर सकती है।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब
₹0-₹3 लाख: शून्य
₹3-₹7 लाख: 5%
₹7-₹10 लाख: 10%
₹10-₹12 लाख: 15%
₹12-₹15 लाख: 20%
₹15 लाख से अधिक: 30%
स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा
सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में एक बार फिर बदलाव कर सकती है। पिछली बार न्यू टैक्स व्यवस्था के तहत इसमें इजाफा किया गया था। वहीं इस बार ओल्ड टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में इजाफा किया जा सकता है। अभी सैलरीड एम्प्लॉई और पेंशनर्स पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ₹50,000 और नई व्यवस्था के तहत ₹75,000 की मानक कटौती का लाभ उठाते हैं। एक्स्पर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
सेक्शन 80C की कटौती सीमा बढ़ाना
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2025 में इस बार सेंक्शन 80सी के तहत कटौती की लिमिट भी बढ़ा सकती हैं। मौजूदा समय में सेक्शन 80सी के तहत कटौती की अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख है। हालांकि महंगाई और टैक्सपेयर्स पर बढ़ते वित्तीय दबाव के कारण एक्सपर्ट सरकार से इस लिमिट को और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसे बढ़ाकर कम से कम 2 लाख रुपये सालाना किया जा सकता है।
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