टुकेश्वर लोधी, आरंग. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर आज एक बार फिर देखने को मिला है. महानदी किनारे अवैध मलबा भंडारण को लेकर खनिज विभाग ने जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए निसदा में संचालित सभी पत्थर खदानों पर ताला जड़ दिया है और सभी खदान संचालकों को नोटिस जारी किया गया है. इनमें एक अवैध रुप से संचालित खदान को सील भी किया गया है. साथ ही विभाग ने पर्यावरण संरक्षण विभाग को पत्र भी लिखा है.

चूना पत्थर खदान के मलबे से पटा महानदी का किनारा

बता दें, निसदा में महानदी पर बैराज बना हुआ है, जिससे महासमुंद जिले और आरंग रायपुर जिले में जल आपूर्ति होती है. लेकिन पिछले 2 सालों से निसदा में लगभग 15 पत्थर खदान संचालित हो रहे है, जो बिना पर्यावरण स्वीकृती के खदानों से निकले अपशिष्टों (मलबा) को महानदी के किनारे (बैराज से कुछ ही दूर पर) डंप कर रहे थे. रोजाना सैंकड़ो वाहन से यहां मलबा डंप किया जा रहा था, जिससे महानदी की चौड़ाई सिमट गई है. इस मामले में लल्लूराम  डॉट कॉम ने प्राथमिकता से खबर लगाई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आई और अब निसदा में संचालित सभी खदानों को अस्थाई रूप से बंद कराया गया है.

लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद हुई कार्रवाई

खबर लगने के बाद आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला ने मौके का किया निरीक्षण.

लल्लूराम डॉट कॉम में खबर लगते ही अगले दिन आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, मामले में खनिज सचिव और रायपुर कलेक्टर की फटकार के बाद खनिज विभाग हरकत में आई है. खनिज विभाग ने महानदी को पाटने वाले जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी खदान संचालकों को नोटिस जारी किया है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण मंडल को भी पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी गई है.

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ग्रामीणों में बाढ़ का डर

ग्रामीणों ने कहना है कि पहले गांव में बने बैराज के सभी गेट आसानी देखा जा सकता था लेकिन लगातार चूना पत्थर खदान के मलबे से महानदी के तट को पाटने के कारण अब सिर्फ एक तरफ का गेट ही दिखाई देता है. ग्रामीणों को आशंका है कि भविष्य में इसको गंभीरता से नहीं लिया गया तो गांव में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाएगी.

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