विजेंद्र सिंह राणा सीहोर। जिला मुख्यालय में पिता के निधन पर बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाया। श्मशान घाट पहुंचकर पिता की चिता को मुखाग्रि दी तो सबकी आंखें नम हो गई। दरअसल, 50 वर्षीय सुशील शिवहरे मंडी जनता कालोनी निवासी का एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। सुशील की तीन बेटियां और कोई बेटा नहीं है। उन्होंने बेटों की तरह ही बेटियों की परवरिश की। अब उन्हीं बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाते हुए पिता को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम क्रिया संपन्न कराई। अब लोग पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को छोड़ आगे आ रहे हैं। इस तरह से बेटियों के हाथों पिता को मुखाग्रि देना दूसरे के लिए भी प्रेरणा है। बेटी इशां और कशिश ने बताया कि उनके पिता को अपनी बेटियों से काफी लगाव था। हमारा कोई भाई नहीं है। इस कारण बेटियों ने ही बेटे और बेटी दोनों का फर्ज निभाने का फैसला लिया।
नाम के अनुरूप व्यवहार कुशल थे सुशील
शिवहरे परिवार में 50 वर्षीय सुशील दूसरे नंबर के भाई हैं। वह मंडी में गल्ला व्यवसायी थे। उनका जैसा नाम वैसा उनका व्यवहार भी था। सुशील व्यवहार कुशल के साथ ही धार्मिक प्रवृत्ति के भी थे। और लगभग हर माह धार्मिक यात्रा पर उज्जैन जाते थे। शनिवार को भी वह उज्जैन जा रहे थे, लेकिन दुघर्टना में उनकी मौत हो गई। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में व्यापारी और इष्टमित्र और परिवार के लोग शामिल थे।
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