भुवनेश्वर: ओडिशा में एक हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हंसीता अभिलिप्सा भी सेक्स ट्रैफिकिंग में शामिल थी, यह आज कमिश्नरेट पुलिस ने खुलासा किया. आरोपी के खिलाफ इन्फोसिटी पुलिस स्टेशन में अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, हंसीता और उसकी करीबी सहयोगी अनिल मोहंती युवतियों को प्रभावशाली व्यक्तियों, व्यापारियों, राजनेताओं और नौकरशाहों तक पहुंचाने का काम करते थे. यह जोड़ी महिलाओं की अश्लील तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल करती और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से अश्लील सामग्री दिखाती थी. इसके अलावा, कमिश्नरेट पुलिस ने हंसीता के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला भी दर्ज किया है. आरोपों के बाद, कमिश्नरेट पुलिस मामले की जांच कर रही है.
हंसीता और अनिल मोहंती को भुवनेश्वर में प्रमुख बिल्डरों, खनन ऑपरेटरों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मालिकों और व्यापारियों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वे पीके मिश्रा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रिश्तेदार के रूप में खुद को पेश कर धोखा देते थे.
पुलिस ने पहले आरोपी जोड़ी के भुवनेश्वर स्थित ऑफिस पर छापा मारा था और लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल फोन जब्त किए थे. इन उपकरणों को राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (SFSL) में जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने पटिया के पास एक फ्लैट की भी तलाशी ली, जहां वे कथित तौर पर लिव-इन कपल के रूप में रह रहे थे.
वहीं, आयकर (IT) विभाग ने आरोपी के चार फ्लैट और पांच लग्जरी वाहन अस्थायी रूप से जब्त किए हैं. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि हंसीता सरोज कुमार साहू की पत्नी है और अनिल उसकी संपत्ति का प्रबंधन कर रहा था. IT विभाग के अधिकारियों ने जांच के दौरान हंसीता, सरोज और अनिल के नाम पर चार फ्लैट और पांच लग्जरी वाहन पाए.
हंसीता, जो कालाहांडी जिले की निवासी है, ने ग्रामीण प्रबंधन में डिग्री और समाजशास्त्र में MA की डिग्री प्राप्त की थी. उसने ओडिशा के शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों के सहयोगी के रूप में पहचान बना कर कई लोगों को धोखा दिया.
रिपोर्ट्स में कहा गया कि हंसीता और अनिल इन्फोसिटी-नंदनकानन रोड पर एक ऑफिस चला रहे थे. उसने ओडिशा के उच्च अधिकारियों से लिंक होने का दावा किया और पीड़ितों को टेंडर दिलवाने का वादा किया. यह मामला तब सामने आया जब एक खनन मालिक ने शिकायत की, जिसके बाद हंसीता और अनिल की गिरफ्तारी हुई. हंसीता ने प्रभावशाली हस्तियों के साथ अपनी तस्वीरों को मॉडिफाई किया और इन तस्वीरों का उपयोग करके धनवान व्यापारियों, खासकर खनन और निर्माण क्षेत्र के लोगों को अपनी जाल में फंसाया.