Pappu Yadav News: बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पिछले दिनों कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग द्वारा मिल रही लगातार धमकियों की वजह से सुर्खियों में बने हुए थे. इस दौरान उन्हें और उनके परिवार को कई बार जॉन से मारने धमकी मिली, जिसे लेकर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से Z सिक्योरिटी की मांग की थी, जो अब तक उन्हें नहीं मिली.
झारखंड सरकार से मांगी Z प्लस सुरक्षा
केंद्र और राज्य सरकार से निराशा हाथ लगने के बाद पप्पू यादव ने अब झारखंड सरकार से जेड प्लस सुरक्षा की मांग की है. सांसद ने सुरक्षा की मांग करते हुए, सीएम हेमंत सोरेन को लेटर लिखा है.
पत्र में पप्पू यादव ने कहा है कि, ‘लॉरेंस बिश्नोई गैंग लगातार हत्या की धमकी दे रहा है. मैं बिहार, झारखंड सहित देश-विदेश के अपराधियों और शराब माफिया के निशाने पर हूं. उन्होंने आगे लिखा कि, राजनीतिक कारणों की वजह से न तो केंद्र और न ही बिहार सरकार सुरक्षा दे रही है. मैं अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हूं, जब से 18 वीं लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं. तब से मुझे और मेरे परिवार को भारी खतरा हो गया है.
झारखंड से भी मिली थी धमकी
बता दें कि पप्पू यादव को 7 दिसंबर को झारखंड से धमकी मिली थी. धमकी अमन साव गिरोह के गैंगस्टर मयंक सिंह ने दी थी. गैंगस्टर मयंक सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखा था कि, जनता हमेशा चुनाव करती है। इस बार आप चुनाव करो कि सुधरना है या रेस्ट इन पीस होकर ही मानोगे.
गैंगस्टर ने ये भी लिखा, ये क्या नौटंकी लगा रखी है. अपने ही लोगों से सेटिंग कराकर, खुद को धमकी दिलवा कर, लॉरेंस बिश्नोई का नाम उछाल कर सस्ती लोकप्रियता बटोरना छोड़िए. आपके पास अभी भी टाइम है। लॉरेंस भाई से पब्लिकली माफी मांग कर अपनी गलती सुधार लीजिए.
गैंगस्टर ने आगे लिखा था कि, आपसे गैंग कि कोई निजी दुश्मनी नहीं थी. आप आए दिन बयानबाजी करते रहते हैं, जो आपका राजनीतिक मामला है. गैंग को उससे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन आप याद रखें कि लॉरेंस बिश्नोई कोई दियारा, बिहार का गैंग नहीं है, यह ग्लोबल इंटरनेशनल गैंग हैं.
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के बाद से मिल रही धमकियां
गौरतलब है कि मुंबई के बांद्रा में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के बाद से सांसद पप्पू यादव को गैंग द्वारा लगातार धमकियां मिल रही है. बता दें कि पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी. इसके बाद पूर्णिया सांसद ने सोशल मीडिया पर 24 घंटे में लॉरेस गैंग के खत्म करने की बात कही थी.
सासंद का दावा है कि कभी लॉरेंस बिश्नोई गैंग, कभी झारखंड के अमन साहू गैंग समेत देश-विदेश से धमकियां मिली हैं. अक्टूबर 2024 से धमकी मिलने का सिलसिला शुरू हुआ. 1 दिसंबर को पप्पू यादव को एक वीडियो मैसेज भेजकर जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पूर्णिया एसपी ने दावा किया था कि आरोपी सांसद का ही पुराना समर्थक है.
पप्पू ने केंद्र से मांगी थी Z सिक्योरिटी
धमकी मिलने के बाद 21 अक्टूबर को ही पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने लेटर के जरिए Y श्रेणी की सुरक्षा को हटाकर जेड सिक्योरिटी की मांग की थी. हालांकि उस समय पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा था कि सांसद को धमकी की जानकारी मिली है. हमलोग जांच कर रहे हैं. उनके पास पहले से वाई सुरक्षा है फिलहाल पुलिस ने उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी है.
दोस्त ने गिफ्ट की बुलेट प्रूफ लैंड क्रूजर
सांसद को बार-बार मिल रही धमकियों को देखते हुए उनके एक दोस्त ने उन्हें 2.5 करोड़ की चमचमाती बुलेट प्रूफ लैंड क्रूजर गिफ्ट किया था. हालांकि इसके ठीक अगले दिन ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. पाकिस्तान से आए इस धमकी से भरे ऑडियो कॉल में 5 करोड़ की डिमांड की जा गई थी.
ऑडियो कॉल में धमकी देने वाला ये कहा था कि ‘गोल्डी भाई ने कहा है कि इससे 5 करोड़ मांगो. देता है तो ठीक, नहीं तो मार दो. धमकी देने वाले ने खुद को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया था
जानें किसे दी जाती है Z+ सिक्योरिटी?
देश के सम्मानित लोगों और नेताओं को जान का खतरा होने पर उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जाती है. ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्योरिटी से अलग होती है. पहले सरकार को इसके लिए एप्लिकेशन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज के जरिए खतरे का अंदाजा लगाती हैं. खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है. होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाए.
कौन देता है Z+ सिक्योरिटी?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं. इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं. हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा NSG संभालती है, लेकिन जिस तरह से Z+ सिक्योरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए CISF को भी यह काम सौंपा जा रहा है.
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