Mamta Kulkarni removed from Mahamandaleshwar post, प्रयागराज. महाकुंभ से बड़ी खबर सामने आई है. किन्नर अखाड़े कार्रवाई करते हुए ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है. किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) के संस्थापक अजय दास (Ajay Das) ने ये कार्रवाई की है. ममता के साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाकर उन्हें भी अखाड़े से बाहर कर दिया गया है. अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का गठन होगा.
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बता दें कि बीते 24 जनवरी को फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में सन्यास लिया था. उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद लिया था. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ही उनका पट्टाभिषेक किया था. ममता कुलकर्णी 25 वर्षों बाद भारत लौटी हैं. लौटते ही वे महाकुंभ में शामिल हुई थीं. उन्होंने 12 वर्षों की तपस्या के बाद कुंभ मेला 2012 में भी भाग लिया था. 12 वर्षों बाद फिर से महाकुंभ में शामिल हुई. जिसके बाद वे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं. उन्होंने अपना पिंडदान किया. जिसके बाद उनका पट्टाभिषेक किया गया. साथ ही उन्हें नया नाम भी मिला. उनका नया नाम यमाई ममतानंद गिरी रखा गया था.
साधु-संतों में थी जबरदस्त नाराजगी
हालांकि ममता के महामंडलेश्वर बनने के बाद से इसे लेकर लगातार बवाल मचा हुआ था. विवादित पट्टीभिषेक को लेकर दो संतों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली थी. लगातार इसका विरोध हो रहा था. वैष्णव किन्नर अखाड़े (Vaishnav Kinnar Akhara) ने बगावत तक का ऐलान कर दिया था. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को फर्जी और अवैध करार दिया था. इतना ही नहीं किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने भी इस पर सवाल उठाया था. हिमांगी सखी का कहना था कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है.
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स्त्री किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कैसे?- हिमांगी सखी
हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है. उन्होंने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा था कि D कंपनी से जुड़े कनेक्शन और ड्रग केस में जेल जाने का इतिहास है. क्या यह सिर्फ प्रचार का हथकंडा है? आचार और संस्कार पर ध्यान देना जरूरी है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं.
अखाड़े में पद पैसे लेकर दिए जा रहे हैं- आनंद स्वरूप
इसके अलावा शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने आरोप लगाया था कि अखाड़े में पद पैसे लेकर दिए जा रहे हैं. उन्होंने 13 अखाड़ों पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि अखाड़ा परंपरा से भटक चुका है. स्वामी आनंद स्वरूप ने किन्नर अखाड़े के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए. बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि आज तक हम खुद महामंडलेश्वर नहीं बन पाए.
हम सहमत नहीं- धीरेंद्र शास्त्री
“महापुरुष की बात है, हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि इसके मत में नहीं हैं. किसी को भी उसके प्रभाव में साधु, मंडलेश्वर या महामंडलेश्वर नहीं कह सकते हैं, जब तक उसके अंदर वह साधुत्व या संतत्व प्रकट न हो जाए. ऐसी किसी भी बात से हम सहमत नहीं हैं. हम खुद आज तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं.”
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मुझसे डिबेट करके दिखाओ- ममता कुलकर्णी
बता दें कि इस बीच किन्नर अखाड़े की ओर से 50 लाख की मोटी रकम लेकर ममता को महामंडलेश्वर बनाने की बात भी सामने आई थी. तमाम आरोपों और विरोध के बीच ममता कुलकर्णी की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी. उन्होंने साधु-सांतों को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि “आओ धर्म पर मुझसे डिबेट करके दिखाओ… दो तीन दिन तक बोल सकती हूं…जो पद (महामंडलेश्वर) आज मिला है वो पहले ही मिल जाना चाहिए था”.
2000 करोड़ के अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रैकेट में बनाई गई थीं आरोपी
बता दें कि ममता पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े (Underworld connection) रहने का आरोप है. उनका नाम ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी के साथ भी जुड़ा था. जिसे अभिनेत्री ने हमेशा अफवाह बताया. फिर 2013 में ममता के विक्की से शादी की बातें भी सामने आई. लेकिन इस बात को भी उन्होंने कभी नहीं स्वीकारा. 2016 में पुलिस ने केन्या एयरपोर्ट पर दोनों को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में वे बाहर आ गई थीं. ममता को 2000 करोड़ के अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रैकेट में सह आरोपी बनाया गया था. इसका मास्टरमाइंड विक्की था. 2017 में पुलिस उनके मुंबई स्थित घर भी गई थी और उन्हें आरोपी घोषित किया था. हालांकि वे इससे भी इनकार करती रहीं.
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